राजस्थानराज्य

Rajasthan News: कांग्रेस विधायकों का आरोप, जाति विशेष को टारगेट करके तबादले किए

Spread the love

जयपुर.

प्रदेश में अब फिर से तबादलों पर प्रतिबंध लग चुका है लेकिन प्रतिबंध हटने के दौरान किए गए तबादलों पर को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि एक जाति विशेष को टारगेट करके तबादले किए गए हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया पर ऐसी कुछ सूचियां भी डाली जा रही हैं, जिनमें तबादले किए गए कर्मचारियों को जाट बताया गया है। तबादलों को लेकर एक वर्ग में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।

वजह है कि हाल में तबादलों से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद उस जाति के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा इधर-उधर किया गया है। कांग्रेस के विधायक और सोशल मीडिया पर उनके समर्थक खुलकर यह आरोप लगा रहे हैं। लाडनू से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने इस मामले में खुलकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार में जो तबादले किए जा रहे हैं, उसमें एक वर्ग और धर्म को खासतौर पर टारगेट किया गया है, इसे लेकर उन्होंने जिला प्रशासन से भी शिकायत की है। इधर सोशल मीडिया पर तारानगर में हुए तबादलों की एक सूची वाायरल की गई, जिसमें तबादला किए गए कर्मचारियों की जाति भी लिखी गई है। इसमें सभी कर्मचारी जाट बताए जा रहे हैं। इनमें से कइयों के तबादले सीमावर्ती जिले जैसमलेर और बाड़मेर तक भी किए गए हैं। राजस्थान में तबादलों को लेकर कहावत है कि किसी कर्मचारी को को यदि सजा देनी हो तो उसे बाड़मेर दिखा दो। लाडनू से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने इस मामले में कहा कि यदि कोई कर्मचारी नॉन परफार्मर है, भ्रष्टाचारी है तो उसे आप बाहर निकालो लेकिन एक-एक विधानसभा से 100-100 लोगों को जातिगत आधार पर ट्रांसफर करके बाहर भेजा जा रहा है तो यह मैसेज ठीक नहीं जाएगा।

मंत्रियों, विधायकों की पहुंच भी नहीं चली
बहुत से कर्मचारियों ने अपने तबादलों को लेकर मंत्रियों और विधायकों की डिजायर भी लिखवाई लेकिन ज्यादातर मामलों में ब्यूरोक्रेसी के स्तर पर ही तबादले किए गए। यहां तक कि तबादलों को लेकर सरकार के कई मंत्रियों और अफसरों में कहासुनी होने की खबरें भी चर्चाओं में है। बायतू से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी का कहना है कि अल्प वेतनभोगी सरकारी कर्मचारियों को सिर्फ इसलिए इधर-उधर किया जा रहा है कि वे एक जाति से संबंधित हैं। मेरे विचार में यह उचित तो कतई नहीं है, मेरी विधानसभा में भी ऐसे कई मामले हैं। सरकार को इसे देखना चाहिए।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close