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Coronavirus को हराने वाले बन सकते हैं मरीजों के ‘मसीहा’, एक्सपेरिमेंट से जगी उम्मीद

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पेइचिंग

चीन से शुरू हुई कोरोना वायरस त्रासदी ने धीरे-धीरे पूरी दुनिया के देशों को अपनी जद में ले लिया। फिलहाल इस बीमारी से लड़ने की वैक्सीन तैयार करने के लिए दुनिया में तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट हो रहे हैं। इससे पहले ही चीन में डॉक्टरों ने इसका तोड़ निकालने की कोशिश शुरू कर दी थी जिसके हालिया नतीजे उम्मीद जगा रहे हैं। कुछ मरीजों पर किए गए एक्सपेरिमेंट में यह बात सामने आई है कि बीमार मरीजों को ठीक हो चुके मरीजों का प्लाज्मा देने से उनकी हालत सुधर सकती है।
चीन के शेनझेन में थर्ड पीपल्स अस्पताल के डॉक्टरों ने इस साल 20 जनवरी से 25 मार्च के बीच यह स्टडी की थी। मैरीलेंड यूनिवर्सिटी के डॉक्टर फहीम यूनुस ने इस स्टडी के नतीजे शेयर करते हुए बताया है कि उनके मरीज भी अब इसे अपनाना चाहते हैं। चीन के डॉक्टरों ने अपने 5 मरीजों को ऐसे 5 लोगों का प्लाज्मा चढ़ाया था जिन्हें पहले कोरोना वायरस इन्फेक्शन हो चुका था और इलाज के बाद वे ठीक हो चुके थे।
 
सकारात्मक नतीजे
नतीजों में यह बात सामने आई कि तीन दिन के अंदर उनके शरीर का तापमान सुधरने लगा था। 12 दिन बाद उनमें वायरल लोड भी निगेटिव हो गया जबकि वायरस से लड़ने वाली ऐंटीबॉडी बढ़ने लगीं। दरअसल, प्लाज्मा के जरिए यह ऐंटीबॉडी बढ़ाना ही इस एक्सपेरिमेंट का उद्देश्य था। अब तक इनमें से 3 को डिस्चार्ज किया जा चुका है जबकि 2 की हालत स्थिर है।
 
अभी पुख्ता नहीं है इलाज
स्टडी में कहा गया है कि फिलहाल इसे कोरोना वायरस का पुख्ता इलाज नहीं माना जा सकता है क्योंकि यह सिर्फ 5 मरीजों पर ही किया गया एक्सपेरिमेंट था। साथ ही, यह भी नहीं पता कि क्या ये मरीज बिना प्लाज्मा चढ़ाए ठीक हो सकते थे या नहीं। इसके अलावा इन सभी को प्लाज्मा के अलावा भी इलाज दिया जा रहा था। इसलिए पुख्ता तौर पर यह भी नहीं कहा जा सकता कि इनकी हालत में सुधार सिर्फ प्लाज्मा की वजह से ही हुआ।
 

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