जबलपुरमध्य प्रदेश

रेत कंपनियों की दबंगई से हैरान आमजन

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शहडोल

रेत ठेकेदार की दबंगई से प्रशासन भी नतमस्तक दिखाई दे रहा है! अगर ऐसा नहीं है तो रेत ठेकेदारों को कितने फिट नदियों से रेत निकालना की अनुमति दी है ! और सरकार के मापदंड के आदेश को दरकिनार कर रेत जेसीबी के माध्यम से ट्रैकों में भर -भर कर रेत बेची जा रही है! रेत के दम भी आसमान छू रहे हैं!रेत रायल्टी पर्ची के हिसाब से आम जनमानस को दुगने -तिगने दामों पर रेत पड़ रही है! रेत का ना ही इसका कोई मापदंड बनाया गया है ! रेत मनचाहे रेट पर व्यक्ति को दे रहा है ! कोई अंकुश नहीं लगा है ! रेत की अपनी मनमर्जी के रेट की मार सह रहा है! रेत का स्थानांतरण किया जा रहा है ! और बरसात आते ही फिर इसके रेट दुगने हो जाएंगे ! 15 जून से मानसून का आगा होना शुरू हो जाता है !और नदियों तालाबों में जाने पर रोक लग जाती है क्योंकि पानी का भरा होता है! और नदियों से खुदाई पर भी प्रतिबंध लग जाता है ! इसीलिए इन दोनों भंडारण बड़ी दिव्या गति से किया जा रहा है !आमजन को रेत की इस महंगी की मार  न झेलना पड़े इस पर भी प्रशासन के कुछ कड़े आदेश होने चाहिए !और आमजन को रेत उचित रेट पर मिल सके!

हुई कार्यवाही

गोहपारू। शहडोल जिले के भुरसी रेत खदान संचालित किया गया है। जहाँ अवैधानिक तरीके से रेत खदान के अलावा कई अन्य जगह से रेत निकाले जा रहे हैं। हलांकि पुलिस प्रशासन कमिश्नर महोदय कलेक्टर महोदय द्वारा रेत खदान संचालित स्थानों पर पौनी नजर बना रखी है और अवैध रेत निकासी पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं रेत खदान के गुंडों पर भी प्रशासन पल पल भर की नजर बनाया गया है जिसके संबंध में आदेश जारी किया गया है और कहा गया है कि अपराधी को किसी भी कीमत पर नहीं बक्शा जावेगा अपराधी का तार तार जुड़े होने का खोज निकाला जायेगा। व्योहारी थाना क्षेत्र में पटवारी और ए एस आई की हत्त्या जैसे संगींन अपराध को अंजाम दिया गया है। जिस पर प्रशासन माफियाओं के लिए पूरी तरह से जाल बिछा रखी है प्रशासन के हरकत में आने के बाद माफियाओं के हौसले पस्त है। जिले के जगह जगह रेत खदान संचालित होने पर सघन पड़ताल किया जा रहा है।

यह था मामला

रेत में दो-दो शासकीय कर्मचारियों की बली  लेने के बाद भी रेत माफिया या यू कहे कि ठेका कंपनी के हौसले बुलंद है, हाल ही में शहडोल जिला प्रशासन द्वारा ब्यौहारी  में बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया गया जिसमें सहकार ग्लोबल कंपनी द्वारा लीज से हटकर खनन करना पाया गया जिसमें जुर्माना की कार्यवाही अभिशेष है तो वही कंपनी केजीएम पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया और आज फिर बीते 24 घंटे से नवागांव में सहकार ग्लोबल कंपनी के बेलगाम दौड़ते हाईवा के विरोध में 2 ग्रामों के सरपंच उपसरपंच सहित आधा सैकड़ा ग्रामीण लामबंद है और प्रशासन ने अब तक उनकी शुध नहीं ली हालांकि कंपनी जोड़ तंगोड़ लगाकर काम फिर शुरू करने की फिराक में हैं
जयसिंहनगर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नवागांव की सड़के जो की मिनी ट्रक का वजन भी ना झेल सके उनमें डालने से सहकार ग्लोबल कंपनी द्वारा बेलगाम हाईवा 12 और  और 16 चका दौड़ाये जा रहे हैं, और आलम यह है कि बीते लगभग 40 घंटे से ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर लामबंद है और किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासक ने अब तक इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं लिया है, सवाल यह उठता है की क्या कंपनी को अथवा जिला प्रशासन को फिर किसी अपनी घटना का इंतजार है और उसके बाद प्रशासन जागेगा गौरतलब है की सहकार ग्लोबल पर बीते दिनों हुई कार्यवाही से यह बात तो स्पष्ट है कि नियमों को धता  बताते हुए सहकार ग्लोबल मनमानी पर उतारू है ऐसे में ग्रामीणों का आक्रोश यदि फूटा तो ला एंड ऑर्डर जैसी स्थिति भी निर्मित हो सकती है।
मांग को लेकर अड़े ग्रामीण
नवागांव में जहां सहकार ग्लोबल ने अपना भंडारण बनाया है वहां रेट भंडारण करने के लिए सहकार ग्लोबल के बड़े-बड़े वाहन दौड़ रहे हैं इसके विरोध में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा रास्ते में टेंट लगाकर लगभग 40 घंटे से प्रदर्शन किया जा रहा है, ग्रामीणों द्वारा मांग की जा रही है कि हमारे ग्राम पंचायत की सड़क भारी वाहनों द्वारा रेत परिवहन करने के अनुकूल नहीं है इस हेतु सहकार ग्लोबल कंपनी ट्रैक्टर अथवा अन्य छोटे वाहनों से रेत का परिवहन कारण एवं परिवहन में स्थानीय ग्रामीणों को प्राथमिकता दे रोजगार दे एवं नियमों का शत प्रतिशत पालन करें ताकि किसी प्रकार की असुविधा ग्राम पंचायत अथवा ग्रामीणों को ना हो।
सड़क एक बड़ा मामला
सहकार ग्लोबल कंपनी द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके शहडोल में रेत खदान का ठेका लिया गया है अब करोड़ों की आवाज में और न जाने कितने करोड़ कमाने के फेर में कंपनी द्वारा रेत का खनन परिवहन और विक्रय किया जा रहा है, और इस पूरी प्रक्रिया की भेंट चढ रही शहडोल के विभिन्न ग्राम पंचायत की सड़क जिन सड़कों के लिए ग्रामीणों को धरना प्रदर्शन आक्रोश और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटने पड़े उन्हें सड़कों को अब भारी वाहनों के नीचे सहकार ग्लोबल कंपनी रौंद रही है बात चाहे नवागांव के ग्राम पंचायत की सड़क की जाए या लुकामपुर  रेत खदान के समीप कोलुहा की नवनिर्मित सड़क की जिसे प्रशाशन और कंपनी ने मिल कर रौंद दिया हर ओर हाल ऐसा ही है।

बंद हो रेत का अवैध खनन
 
दो शासकीय कर्मचारी रेत के अवैध उत्खनन की वजह से काल के गर्त में समा गए उसके बाद भी कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी नहीं चेत रहे हैं, सूत्रों के अनुसार विभिन्न रेत खदानों से बिना टीपी के वाहन अभी भी दौड़ रहे हैं तो वहीं भंडारण में भी एक टीपी पर कई राउंड वाहन दौड़ते बताए जाते हैं इतना ही नहीं ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी द्वारा बिना टीपी के रेट का खनन कराया जा रहा है, अब सवाल यह उठता है कि शहडोल खनिज विभाग और उसके जिम्मेदार अधिकारी आखिर कब अपनी नींद से जागेंगे और अवैध खनन पर पाबंदी लगाएंगे गौरतलब है कि भोपाल की टीम द्वारा हाल ही में अवैध खदान के संबंध में निर्देश जारी किए हैं इसके अलावा 100 किलोमीटर दूर संचालित खदान की टीपी से अन्य खदान के संचालन की पुख्ता सच के साथ जानकारी होने के बाद भी प्रशासन क्यों कार्यवाही नहीं करता खैर हम साक्ष्य के आधार पर आपको धोखाधड़ी और जालसाजी के इस मामले से जल्द अवगत कराएंगे।

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