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साइबर हमलों का शिकार हो रहा वर्क फ्रॉम होम, कोरोना के चलते कंपनियों ने दी घर से काम की इजाजत

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 नई दिल्ली 
घर से काम करने पर दफ्तर का डाटा लीक होने की आशंका जताई जा रही है। दुनियाभर में कोरोना संकट के चलते साइबर हमलों की कई घटनाएं देखने को मिली हैं। अस्पतालों से लेकर कंपनियों तक के डाटा लीक के मामले सामने आए हैं। भारत में भी पिछले तीन महीने में 10,000 से ज्यादा साइबर हमले किए जा चुके हैं।

साइबर और कानून विशेषज्ञों की राय में भारत में भी घर के इंटरनेट पर दफ्तर का काम करने से ऐसी घटनाएं सामने आ सकती हैं। भविष्य में ये मामले अदालतों में जाने से कंपनियों का समय भी बर्बाद होगा। लॉक डाउन जैसे हालात होने से देश में तमाम कर्मचारी घर से ही दफ्तर का काम कर रहे हैं। कई लोगों को ऑफिस से जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर दिया गया है तो कई अपने ही इंटरनेट और लैपटॉप से काम कर रहे हैं।

फिशिंग ईमेल से फंसाते हैं अब तक देखे गए ट्रेंड के मुताबिक फिशिंग ईमेल के जरिए लोगों को हमले का शिकार बनाया जा रहा है। ये ई-मेल नौकरी और लॉटरी जीतने जैसे मामलों से जुड़े होते हैं। ई-मेल के खोलते ही व्यक्ति का कंप्यूटर अगर मजबूत सुरक्षा से लैस नहीं है तो वो हैक हो जाता है। जिसके बाद तमाम स्क्रीन शॉट, डाउनलोड की गई फाइलें और सारी जानकारियां हैकर के पास पहुंच जाती हैं जिनका गलत इस्तेमाल होने की आशंका होती है।

ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा भारत में हमले भारत में एशिया पैसेफिक क्षेत्र के एक तिहाई हमले देखने को मिले हैं। देश में पिछले तीन महीने के दौरान 10,000 स्पैम अटैक किए गए। ऑस्ट्रेलिया में 6,000, तो इंडोनेशिया में 5,000 के करीब साइबर अटैक के प्रयास हुए। यही नहीं चेक रिपब्लिक में कोरोना टेस्टिंग की सबसे बड़ी लैब को निशाना बनाते हुए साइबर हमला किया गया है।

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