वसीयत ऑनलाइन कैसे तैयार करें, घर बैठे तीन हजार रुपये में बनवा सकते हैं
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नई दिल्ली
बच्चों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए आमतौर पर लोग अपनी वसीयत तैयार करवाते हैं। वसीयत एक ऐसा दस्तावेज है जो बताता है कि व्यक्ति की मौत के बाद उसके बच्चों को पैत्रिक संपत्ति में से क्या कुछ मिलेगा। अगर कोई शख्स कम उम्र में किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो समय रहते वसीयत बनवा लेनी चाहिए। यह एक एक कानूनी प्रक्रिया होती है, ऐसे में इसे बड़े ध्यान से तैयार करवाना चाहिए। मौजूदा समय में ऑनलाइन भी बड़ी आसानी से घर बैटे वसीयत बनवा सकते हैं। हालांकि, वसीयत कराने के दौरान कुछ जरूरी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
एसबीआई कैप सहित कई संस्थाएं ऑनलाइन वसीयत की सुविधा दे रही हैं। इसमें करीब तीन हजार रुपये से छह हजार रुपये के बीच खर्च आता है। भुगतान डिजिटल करना होता है। इसमें शुल्क के साथ जीएसटी और स्टांप शुल्क भी शामिल होता है। एसबीआई कैप समेत तमाम बड़ी कंपनियां विशेषज्ञों के जरिये इसमें आपकी मदद करती हैं। इसमें वकील, चाटर्ड काउंटेंट और टैक्स सलाहकार समेत कई विशेषज्ञों शामिल होते हैं। यह आकलन करके आपकी वसीयत तैयार करवाने में मदद करते हैं।
वसीयत उत्तराधिकारियों के बीच विवाद से बचाने में मददगार होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका पंजीकृत होना जरूरी नहीं लेकिन रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार के यहां पंजीकृत करवा लेते हैं तो उसमें किसी धोखाधड़ी की आशंका नहीं रह जाती है। साथ ही इसमें दो गवाह ऐसे होने चाहिए जिनका उस वसीयत में लाभ नहीं जुड़ा हुआ हो। वसीयत को समय-समय पर अपडेट भी कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पहली वसीयत बनाने के बाद आपने कोई निवेश किया है या कोई संपत्ति खरीदी है तो वसीयत को अपडेट करते समय इसकी जानकारी जरूर शामिल करें। साथ ही वसीयत में तारीख जरूर दें। वसीयत आमतौर पर सेवानिवृत्त या वरिष्ठ नागरिक बनवाते हैं, लेकिन इसे कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 21 साल से अधिक है। हालांकि, उसे मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए। वसीयत के लिए कोई जरूरी नहीं कि उसपर स्टांप लगा हो या पंजीकृत हो। आप सादे कागज पर भी वसीयत खुद से लिख सकते हैं। लेकिन इसपर दो गवाहों का हस्ताक्षर जरूरी होता है।