मुख्य सचिव की फटकार के बाद मध्य प्रदेश में शुरू हुई ट्रकों की आवाजाही
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भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस (Chief Secretary Iqbal Singh Bains) की कड़ी फटकार के बाद सूबे में ट्रकों (Truck) की आवाजाही शुरू अब शुरू हो गई है. दूसरे राज्यों से सामान लेकर आए ट्रकों को अब बिना किसी पूछताछ के शहर में प्रवेश करने की इजाजत दी जा रही है. मुख्य सचिव की नाराजगी को देखने के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मधु कुमार (Transport Commissioner Madhu Kumar) ने भी सभी चेक पोस्ट प्रभारियों को निर्देश जारी किए है. चेक पोस्ट प्रभारियों से कहा गया है कि किसी भी माल वाहक को चेक पोस्ट पर न रोका जाए. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सभी ड्राइवर्स को चेक पोस्ट पर सेनेटाइच किया जा और उन्हें टिश्यू पेपर उपलब्ध कराए जाए.
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कहा है कि बार्डर पर यदि कोई ट्रक रोकने की कोशिश करता है तो इसकी शिकायत अपर परिवहन आयुक्त महेंद्र सिंह सिकरवार और नोडल अधिकारी संजय सोनी के मोबाइल पर की जा सकती है. उल्लेखनीय है कि शहर की सीमाओं पर तैनात पुलिस-प्रशासन की टीमें आवश्यक सामान (Essential Goods ) लेकर आए ट्रकों (Truck) को रोक रहे थे. इस बाबत, शासन की तरफ से स्पष्ट निर्देश था कि सामान लेकर जा रहे ट्रकों को किसी भी सूरत में न रोका जाए. पुलिस-प्रशासन की इस मनमानी के चलते बाजार (Market) में न केवल सामान की कमी आ गई है, बल्कि अब कालाबाजारी भी शुरू हो गई है.
पुलिस-प्रशासन की इस मनमानी के बाबत जब प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को खबर लगी, तो वह सूबे के सभी डीएम और एसपी पर भड़क गए. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने एक बार फिर सभी डीएम-एसपी को सख्त निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा है कि उनके बार-बार निर्देश के बावजूद ट्रकों को सीमा पर रोका जा रहा है. इस दौरान यह भी कहा जा रहा है कि वह आवश्यक वस्तु नहीं है. लिहाजा, सभी को स्पष्ट किया जा रहा है कि किसी भी ट्रक को रोका नहीं जाए. दोहराया जा रहा है कि किसी भी ट्रक को सीमा पर नहीं रोका जाए.
मुख्य सचिव इकबाल सिंह ने पुलिस-प्रशासन को यह भी निर्देश दिए हैं कि मध्य प्रदेश में प्रवेश कर रहे सभी ट्रकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पहली जिम्मेदारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन की है. ट्रकों को रोकने से बाजार में सामान की कमी अब गंभीर रूप ले रही है. मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि लॉक डाउन के दौरान, ट्रकों को आवागमन के लिए किसी पास की आवश्यकता नहीं है. लिहाजा, उनसे किसी तरह के पास की मांग न की जाए. मुख्य सचिव ने मुख्य तौर पर जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ट्रकों के निर्वाध आवाजाही की जिममेदारी दी है.
दूसरे राज्यों से सामान नहीं आने के कारण थोक मार्केट ठप हो रहा था. व्यापारियों ने इस संबंध में सरकार के स्तर पर अपनी बात पहुंचाई. यही कारण था कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर और एसपी को दोबारा निर्देश जारी किए. थोक मार्केट में आवश्यक सामान की पूर्ति नहीं होने की वजह से कालाबाजारी तेज हो गई. थोक मार्केट बढ़ी हुई कीमतों पर फुटकर व्यापारी बेंच रहे हैं. जिसका अंतिम खामियाजा सीधे तौर पर ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है. इस तरह की कई शिकायतें जिला प्रशासन के पास भी पहुंची थी, लेकिन इसका कोई निराकरण नहीं हो पा रहा था.