भोपालमध्य प्रदेश

पुलिस हो या RPF, कोरोना आपदा में गरीबों की मसीहा बन गई है ‘वर्दी’

Spread the love

भोपाल
कोरोना आपदा  (COVID-19) के बीच कई लोग ऐसे भी हैं जिनके सामने खाने-पीने की चीजों का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. ये वो लोग हैं जो स्टेशन के बाहर या चौराहों पर भीख मांगकर किसी तरह अपना दिन का गुजारा करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद गाड़ियों की रफ्तार के साथ इनकी जिंदगी भी थम गई है. ऐसे में इन गरीब लोगों और भिखारियों के लिए 'वर्दी' मसीहा बनकर आई है. फिर बात चाहें पुलिस जवानों की हो या रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानि आरपीएफ की. जो पुलिस और आरपीएफ के जवान अब तक व्यवस्था बनाने के लिए इन्हीं भिखारियों को नियंत्रित करते नजर आते थे वो अब मानवता की खातिर इन्हें इनके ठिकानों पर जाकर खाना खिला रहे हैं.

भोपाल रेलवे स्टेशन के बाहर रहने वाले भिखारियों के लिए आरपीएफ के जवान मसीहा बनकर सामने आए हैं. लॉकडाउन के बाद के दिनों से लगातार आरपीएफ जवानों की टीम एक गाड़ी में खाने के पैकेट लेकर रोज सड़कों पर निकल जाती है और स्टेशन के आसपास सड़क किनारे लेटे भिखारियों को खाना बांटती है. भोपाल में ऐसे दर्जनों गरीब और भिखारी हैं जो स्टेशन के आसपास के इलाकों में सड़कों पर ही जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.

भोपाल आरपीएफ जवानों का दस्ता इन दिनों गरीब-भिखारियों के लिए उम्मीद की किरण बन गया है. रोजाना जैसे ही इनकी गाड़ी स्टेशन के आसपास नजर आती है. फुटपाथ के किनारे लेटे भिखारियों के चहरे पर सकून लौट आता है. इस उम्मीद के साथ कि अब उन्हें खाना मिलेगा. आरपीएफ जवान सुबह और शाम दोनों वक्त स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-6 और एक पर पैकेटों में खाना बांटते हैं.

कोरोना आपदा के चलते हुए 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से देश भर में यात्री गाड़ियों का परिचालन पूरी तरीके से बंद कर दिया गया. इस वजह से रेलवे स्टेशनों की स्थिति किसी वीरान जगह जैसी हो गई है. राजधानी के भोपाल जंक्शन और हबीबगंज दोनों प्रमुख स्टेशनों पर हालात ऐसे ही है. आलम ये है कि जहां सैकड़ों यात्री हर वक्त मौजूद रहते थे वहां वीरान पड़ा है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close