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नई दिल्ली
कोरोना वायरस महामारी के बीच ओलंपिक को एक साल के लिए टालने का कठिन फैसला लेने के बाद अब टोक्यो के सामने नए सिरे से खेलों की मेजबानी की तैयारी की चुनौती है और उसके लिए कई पहाड़ उसे लांघने होंगे। शांतिकाल में पहली बार स्थगित हुए इन खेलों से जुड़े हर पहलू मसलन आयोजन स्थलों, सुरक्षा, टिकट और रहने की व्यवस्था पर नए सिरे से काम करना होगा। अभी यह भी तय नहीं है कि खेलों की तारीखें क्या होगी।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख थामस बाक ने बुधवार को कहा कि जरूरी नहीं है कि खेल गर्मियों में ही कराए जाएं। उन्होंने कहा कि सारे विकल्प खुले हैं। अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति के प्रवक्ता क्रेग स्पेंस ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी जिगसॉ पहेली पूरी करने में बस एक टुकड़ा लगाना था और अब नए सिरे से शुरू करना होगा। समय भी बहुत नहीं रह गया है।
जापान ने इन खेलों को 'रिकवरी ओलंपिक के तौर पर प्रचारित किया था। वह दुनिया को दिखाना चाहता है कि भूकंप, सुनामी और परमाणु रिसाव की त्रासदी झेलने के बाद भी वह खेलों की मेजबानी करने में सक्षम है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि अगले साल होने वाले टोक्यो 2020 इस नए वायरस पर इंसान की जीत की बानगी देंगे। जापान सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में भी उन्होंने यही संदेश दोहराया। दोनों नेताओं ने इस पर सहमति जताई कि ये खेल नए कोरोना वायरस पर इंसान की जीत का सबूत होंगे।
आयोजकों के सामने अभी कई अनुत्तरित प्रश्न हैं। मसलन क्या आयोजन स्थल उपलब्ध होंगे। टिकटधारकों और स्वयंसेवियों का क्या। अगले साल के खेल कैलेंडर में ओलंपिक के लिए जगह कैसे बनेगी। खेलगांव का क्या जहां 4000 से ज्यादा आलीशान अपार्टमेंट बने हैं और कई बिक चुके हैं। होटलों की बुकिंग का क्या। तो क्यों 2020 के अध्यक्ष याोशिरो मोरी ने कहा कि हमारे पास उम्मीद बनाए रखने के सिवाय कोई चारा नहीं है। मैं कैंसर से जूझकर आज आपके सामने जिंदा हूं। मुझे एक नई दवा ने बचाया। हम सब कुछ ठीक होने की उम्मीद करते हैं।