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बात चाहे सौभाग्य की करें या फिर दुर्भाग्य की, व्यक्ति के जीवन में दोनों का ही प्रवेश घर के मुख्य द्वार से होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दरवाजे का संबंध व्यक्ति के सौभाग्य से जुड़ा हुआ होता है। कहा जाता है कि घर के मुख्य दरवाजे के आसपास अगर टूटे-फूटे बर्तन या कोई भारी चीज रखी हुई हो तो ऐसे घर में देवी-देवता प्रवेश नहीं करते हैं। वास्तु के अनुसार घर बनवाते वक्त व्यक्ति को कई चीजों को खास ध्यान रखना पड़ता है, जिनमें से एक है घर के दरवाजे। वास्तु के अनुसार किस दिशा में घर के दरवाजे होने चाहिए। आइए जानते हैं।
वास्तुशास्त्र से जुड़े घर के दरवाजों के लिए बताए गए नियम-
- यदि आपके घर का दरवाजा पूर्व दिशा में है तो वास्तु के अनुसार यह शुभ है। पर, इस बात का खास ध्यान रखें कि दरवाजे के सामने कोई अवरोध नहीं हो, वरना व्यक्ति के कर्ज में डूबने की आशंका होती है।
- कोशिश करें कि दरवाजा पश्चिम दिशा में नहीं हो। ऐसा होने से घर की सुख-समृद्धि खत्म होने लगती है। वहीं, दक्षिण दिशा में दरवाजा होने से परिवार के सदस्यों को लंबे समय तक आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ता है।
- अगर आपके घर का दरवाजा आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व का मध्य भाग) में है तो यह आपके परिवार के सदस्यों की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।
- ईशान दिशा (उत्तर-पूर्व) का दरवाजा उत्तर दिशा की तरह ही शुभ फल देता है, बस इस बात का ध्यान रखें कि उसके सामने किसी भी प्रकार का वास्तु दोष नहीं हो।
- अगर घर का दरवाजा वायव्य दिशा में हो तो पड़ोसी से वाद-विवाद होने की आंशका बनी रहती है। इस दिशा में दरवाजा होने से अकसर जीवन में अशांति और तनाव फैला रहता है।