छत्तीसगढ़

गौठान आजीविका के रूप में महिलाओं ने चुना एलईडी बल्ब निर्माण कार्य, मात्र एक माह में बनाये 500 से अधिक बल्ब

Spread the love

कोरिया
कोरिया जिले के ग्राम छिंदिया में गौठान आजीविका के रूप में सूरज महिला ग्राम संगठन की महिलाओं ने एलईडी बल्ब निर्माण का कार्य चुना और 1 महीने में ही 500 से ज्यादा बल्ब निर्माण कर चुकी हैं। एलईडी बल्ब निर्माण से ना केवल तकनीकी दुनिया से महिलाएं रूबरू हुए हैं बल्कि विक्रय से व्यापारिक क्षेत्र में अपने हाथ आजमाने में सफल हो रही हैं।

जिले में निर्मित गौठानों में विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। जिससे जुड़कर ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह मिली है। इसी क्रम में गौठान ग्राम छिंदिया की 8-10 महिलाओं ने मिलकर लगभग एक महीने पहले गौठान आजीविका के रूप में एलईडी बल्ब निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। समूह की महिला नीलम कुशवाहा ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के तहत अधिकारियों से आर्थिक गतिविधियों की जानकारी मिली। कुछ अलग हटकर करने की चाह से एलईडी बल्ब निर्माण कार्य का विचार आया। गतिविधि संचालन के लिए ग्राम में ही गौठान में स्वसहायता समूह के काम के लिए शेड निर्मित है जहां बल्ब निर्माण का काम किया जा रहा है।

एलईडी बल्ब निर्माण के लिए रायपुर से आए ट्रेनर के द्वारा 3 दिवस की ट्रेनिंग दी गई। महिलाओं ने बताया बल्ब के लिए कच्चा माल रायपुर से मंगवाकर उनके द्वारा निर्माण कर प्रेसिंग मशीन से बल्ब की पैकिंग की जाती है। मात्र एक माह में ही महिलाओं द्वारा 500 बल्ब का निर्माण किया गया जिसमें से लगभग 150 बल्ब के विक्रय से 6 हजार से अधिक का लाभ मिला। 15 वॉट का एलईडी बल्ब 140 रुपए में बेचा जा रहा है जिसपर 1 वर्ष 6 माह की गारण्टी भी दिया जा रहा है। इसी प्रकार 12 वॉट का बल्ब 120 रुपए पर 1 वर्ष की गारण्टी, 9 वॉट का बल्ब 60 रुपए पर 6 माह की गारण्टी के साथ एवं 5 वॉट के गारण्टी रहित बल्ब को 30 रुपए में बेचा जा रहा है।

सस्ते दाम पर गुणवत्तायुक्त बल्ब प्राप्त कर लोगों को भी फायदा मिल रहा है। महिलाओं ने बताया बिहान बाजार में बल्ब की अच्छी मांग रही। महिलाएं स्वयं बल्ब की मार्केटिंग एवं प्रचार-प्रसार का काम कर रही हैं। अभी केवल ग्रामीण स्तर पर बल्ब का विक्रय किया जा रहा है, आगे बाहर बाजारों में भी बल्ब भेजने की तैयारी है। समूह से जुड?े से पहले अधिकांश महिलाएं घर के कामों में ही व्यस्त रहतीं थी लेकिन आज स्वयं के पैरों पर खड़ी इन महिलाओं ने आर्थिक प्रगति की ओर कदम बढ़ाए हैं।   

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close