छत्तीसगढ़

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मनरेगा में व्यक्तिमूलक और आजीविका संवर्धन कार्यों को प्रमुखता देने के निर्देश

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रायपुर
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कोरोना संक्रमण से बचने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के अंतर्गत व्यक्तिमूलक और आजीविका संवर्धन के कार्यों को प्रमुखता से स्वीकृत कर प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने कम संख्या में श्रमिकों की जरूरत वाले अधिक से अधिक कार्यों को स्वीकृत कर काम शुरू करने कहा है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कार्यस्थल पर कोरोना संक्रमण से बचने सभी सुरक्षात्मक उपायों और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पत्र में उन्होंने कहा है कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधारभूत संघटकों में से एक महत्वपूर्ण संघटक है। योजना के प्रावधानों के अनुसार पंजीकृत परिवारों के वयस्क सदस्यों द्वारा काम की मांग किए जाने पर अधिकतम 15 दिनों में रोजगार प्रदान किया जाना आवश्यक है।

प्रमुख सचिव ने पत्र में कहा है कि कोविड-19 के कारण लॉक-डाउन के दौर में ग्रामीणों की आजीविका सुरक्षित करना जरूरी है। इसलिए इससे बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपायों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मनरेगा कार्य शुरू किए जाएं। राज्य में योजना के तहत पंजीकृत 39 लाख 56 हजार परिवारों में 89 लाख 20 हजार श्रमिक हैं। इनमें से 32 लाख 82  हजार परिवारों के 66 लाख पांच हजार श्रमिकों को मनरेगा के माध्यम से सक्रिय रूप से रोजगार मिलता है।

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