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कोरोना वायरस की आड़ में हैकर्स की चाल, फेक ईमेल से डेटा चोरी का खतरा

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नई दिल्ली

COVID-19 (Coronavirus) से पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में भी अब यह अपना कहर बरपाना शुरू कर चुका है। एक तरफ जहां दुनिया भर के देश इस खतरनाक महामारी से लड़ने में जुटे हैं, वहीं हैकर्स इसे साइबर क्राइम के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस से जुड़े फेक ईमेल और हैकिंग के काफी मामले सुनने में आ रहे हैं और इस बार हैकर्स यूजर के पर्सनल डेटी की चोरी के लिए World Health Organisation (WHO) की आड़ में छिपकर साइबर अटैक कर रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

WHO के डायररेक्ट जनरल के नाम का कर रहे इस्तेमाल
साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़े एक्सपर्ट्स की मानें तो साइबर क्रिमिनल्स यूजर्स को COVID-19 से जुड़ी जानकारी ईमेल कर रहे हैं। ईमेल फर्जी न लगे इसलिए वे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल Tedros Adhanom Ghebreyesus के नाम का सहारा ले रहे हैं। इन फर्जी ईमेल को इनबॉक्स में देखकर यही लगता है कि इसे WHO के डायरेक्टर ने ही भेजा है। अगर आपके पास भी कोई ऐसा ईमेल आता है तो उसे तुरंत डिलीट कर दें।
 
खतरनाक वायरस से हो रही डेटा की चोरी
हैकर्स के ये फेक ईमेल तेजी से दुनियाभर में इंटरनेट और ईमेल सर्विस यूज करने वाले यूजर्स तक पहुंच रहे हैं। इस फर्जी ईमेल के जरिए हैकर्स यूजर्स के कंप्यूटर और स्मार्टफोन को हैक करने की कोशिश कर रहे हैं। IBM X-Force के रिर्चर्स ने बताया कि हैकिंग के लिए भेजे जा रहे इस ईमेल में 'HawkEye' मैलवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। हॉकआई एक खतरनाक मैलवेयर (वायरस) है जो यूजर्स के पर्सनल डेटा की चोरी में हैकर्स की मदद करता है।

न करें फर्की लिंक पर क्लिक
इस फेक ईमेल में एक लिंक दिया गया है। हैकर्स यूजर्स को इसी लिंक पर क्लिक करने के लिए के लिए कहते हैं। हैकिंग की चाल से अनजान यूजर इस फेक लिंक को 'ड्रग अडवाइस' अटेचमेंट समझ कर ओपन कर देते हैं। अगर आपके पास कोई भी ऐसा ईमेल आ रहा है तो उसे डिलीट करें और उसमें दिए गए किसी भी लिंक को गलती से भी क्लिक न करें। इस बार हैकिंग के लिए इस्तेमाल हो रहे हॉकआई मैलवेयर की पिछले कुछ महीनों से काफी चर्चा है। बताया जा रहा है कि यह सिस्टम में घुसकर यूजर की सारी ऑनलाइन ऐक्टिविटी को ट्रैक करता है। यह यूजर्स के वेब ब्राउजर्स का स्क्रीनशॉट लेकर जरूरी पासवर्ड्स और यूजरनेम की चोरी सकता है।

कैसे बचें ऐसे स्कैम से
इस तरह की जालसाजी से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप देखें कि ईमेल आया कहां से है। अगर आपको पहली नजर में ईमेल सही भी लगता है, तो उसमें लिखे शब्दों को ध्यान से पढ़ें। अगर उसमें आपको स्पेलिंग में गलतियां मिलती हैं, तो समझ जाना चाहिए कि ईमेल फेक है। ईमेल में दिए गए लिंक को कभी भी ओपन न करें। इसके साथ ही ईमेल में दिए गए 'enable content' ऑप्शन पर भी क्लिक न करें।
 
WHO को भी इस स्कैम के बारे में पता चल गया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए WHO ने अपनी वेबसाइचट पर इस साइबर से अलर्ट रहने की सलाह है। WHO ने ऐसे किसी भी स्कैम के बारे में रिपोर्ट करने के लिए कहा है।

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