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कोरोना की तीसरी लहर के बीच मेले शुरू होने से बढ़ी चिंता, हरिद्वार कुंभ से भी नहीं मिली सीख?

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नई दिल्ली

भारत में त्योहारों पर मेले लगना आम है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में शुरू कर अलग-अलग राज्यों में विभिन्न मेलों का आयोजन किया जा रहा है। कोविड-19 की तीसरी लहर के बीच इन आयोजनों ने चिंता बढ़ा दी है। हालांकि कुछ राज्यों ने एहतियातन इन्हें रद कर दिया है।कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान हरिद्वार कुंभ कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन गया था, ऐसे में विभिन्न मेलों के आयोजन पर बहस छिड़ गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों के बड़े जमावड़े की इजाजत नहीं होनी चाहिए। प्रयागराज में माघ मेला आयोजित हो रहा है। यह 14 जनवरी से शुरू होकर एक मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा। 17 जनवरी से 16 फरवरी तक लोग संगम की रेती पर कल्पवास करेंगे। निम्नलिखित तिथियों पर स्नान भी होगा।

14/15 जनवरी : मकर संक्रांति
17 जनवरी : पौष पूर्णिमा
एक फरवरी : मौनी अमावस्या
पांच फरवरी : बसंत पंचमी
आठ फरवरी : अचला सप्तमी
16 फरवरी : माघी पूर्णिमा
एक मार्च : महाशिवरात्रि

सूत्रों के अनुसार, माघ मेला क्षेत्र में कोरोना के 38 नए पॉजिटिव मामलों की पुष्टि की गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर बुखार, जुकाम और गला खराब जैसे कोविड लक्षणयुक्त व्यक्तियों और कोरोना टीके की दोनों डोज न लेने वाले श्रद्धालुओं से इस आयोजन में सम्मिलित न होने की अपील की है। गंगा सागर मेले को कोर्ट की इजाजत: वार्षिक गंगा सागर मेला मकर संक्रांति के दौरान पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप पर लगता है। शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद यह रविवार से शुरू हो गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोलकाता में, जो गंगा सागर से केवल पांच घंटे की दूरी पर है, सकारात्मकता दर 57.98 प्रतिशत है, जो देशभर में दूसरी सबसे ऊंची दर है।

मेरठ-सहारनपुर मंडल में कोई मेला नहीं
मेरठ-सहारनपुर मंडल में कोई मेला नहीं लग रहा है। किसी भी जिले में प्रशासन ने मेले आदि की अनुमति नहीं दी है। हालांकि, हापुड़ और बिजनौर में जरूर मकर संक्रांति पर श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंचेंगे लेकिन प्रशासन के अनुसार जिले में धारा 144 लागू है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से गंगा स्नान के लिए न आने की अपील की है।

कानपुर में सन्दलशाह मेला बंद: कानपुर नगर में मकर संक्रांति पर बिठूर ब्रह्मावर्त, गंगा बैराज, परमट, सरसैया, भगवत दास घाट, मैस्कर घाट आदि घाटों पर स्नान की भीड़ होगी। यहां मेला नहीं लगता है। कानपुर देहात में संदलपुर में परम्परागत सन्दलशाह मेले का आयोजन चल रहा था, जिसे तीन दिन पहले पुलिस ने बंद करा दिया। उन्नाव में शुक्लागंज और परियर घाट पर माघ मेला के मद्देनजर करीब 10000 श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे। चित्रकूट में मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई: चित्रकूट में मकर संक्रांति पर रामघाट में लोग मंदाकिनी स्नान कर मत्यगजेन्द्रनाथ में जलाभिषेक करेंगे। भरतकूप में स्नान करेंगे। मेला भी है। प्रशासन ने दोनों जगह कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के लिए मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई है। महोबा के पनवाड़ी क्षेत्र में झारखंड धाम का मेला स्थगित कर दिया गया है। कन्नौज में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के दौरान मेहंदीघाट पेशी मेला लगता है। उस पर रोक का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।

इटावा महोत्सव आज संपन्न: इटावा महोत्सव जारी है। इसका समय बढ़ाया गया था, 14 जनवरी को खत्म होगा। फर्रुखाबाद में पांचाल घाट पर माघ मेला 17 जनवरी से शुरू हो रहा है। मेले में कल्पवास करने के लिए 5 हजार से अधिक लोग व साधु संत पहुंच गए हैं। बांदा में भूरागढ़ दुर्ग में 14 और 15 जनवरी को नटबली का मेला लगता है। इसकी तैयारियों को लेकर प्रशासन की ओर से चार जनवरी को तैयारी बैठक भी की गई थी। अभी मेला रद नहीं है।

स्नान से पहले हर की पैड़ी हुई सील: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मकर संक्रांति पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के मद्देनजर हर की पैड़ी को गुरुवार रात सील कर दिया गया। हर की पैड़ी जाने वाले सभी मार्गों पर बेरीकेडिंग की गई है। सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हर की पैड़ी व साथ लगते घाटों पर स्थानीय लोग भी स्नान नहीं कर सकेंगे। गुरुवार को जिले की सीमाओं में चिड़ियापुर, लाहड़पुर, नारसन, गोकलपुर व वीरपुर के रास्ते स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया गया। सीमा पर पुलिस बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों में सवार यात्रियों के आने का कारण पूछ रही थी। जिन लोगों ने स्नान की बात कही, उन्हें सीमा से ही लौटा दिया गया। हालांकि मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर हर की पैड़ी पर गंगा आरती में हजारों लोग शामिल हुए।

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