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एम्स के डॉयरेक्टर ने बताया- होम आइसोलेशन से कब बाहर आ सकते हैं कोरोना मरीज? 

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 नई दिल्ली  
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच मरीजों में कई प्रकार की दुविधाएं भी उत्पन्न होने लगती हैं। सबसे बड़ी दुविधा यह होती है कि संक्रमित होने के बाद अगर मरीज होम आइसोलेशन में तो उसे कब तक अकेले रहना होगा? होम आइसोलेशन को लेकर दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कम से कम 10 दिनों तक मरीज को अलग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कम से कम 10 दिन या फिर बुखार नहीं आने के तीन दिन बाद होम आइसोलेशन से मरीज बाहर आ सकते हैं। गुलेरिया ने कहा कि होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद फिर से कोरोना टेस्ट कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। वहीं, कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर गुलेरिया ने अहम बात कही है। 

गुलेरिया ने कहा कि मरीज को रेमडेसिविर देने का फैसला एक पेशेवर डॉक्टर द्वारा ही लिया जाना चाहिए और इसे अस्पताल में ही लगाया जाना चाहिए। बता दें कि कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में वृद्धि के बाद रेमडेसिविर की डिमांड भी बढ़ गई है। डिमांड बढ़ने की वजह से इसकी किल्लत भी होने लगी है। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 3,86,452 नए मामले सामने आए जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,87,62,976 हो गयी। इसके साथ ही देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 31 लाख को पार कर गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, 3498 और मरीजों की मौत हो जाने से संक्रमण के कारण अब तक दम तोड़ चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 208330 हो गई।

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