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आईटी के Students ने बनाया एआई चैट बॉट, बीमारी की करेगा पहचान

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जयपुर

 श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी व विज्ञान संस्थान (एसजीएसआईटीएस) के विद्यार्थी एक एआई पर आधारित ऐसा ऐप डेवलप कर रहे हैं, जो मरीजों के लिए कारगर साबित होगा।

डिपार्टमेंट ऑफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के प्रो. ललित पुरोहित ने बताया कि एसजीएसआईटीएस डायरेक्टर प्रो. राकेश के नेतृत्व में विभाग के स्टूडेंट्स ‘एआई चैट बॉट’ नाम का ऐप बना रहे हैं। यह ऐप डॉक्टर की तरह मरीजों से प्रश्न पूछेगा और बीमारी के अनुसार सलाह भी देगा कि प्रिकॉशन कब लेना है, डाइट प्लान क्या रहेगा। कौन सी बीमारी है, किस डॉक्टर को दिखाना है।

क्षेत्र के मुताबिक मिलेगी डॉक्टर की जानकारी

प्रो. पुरोहित के मुताबिक एआई चैट बॉट एरिया वाइज व बीमारी के हिसाब से डॉक्टर की जानकारी देगा। इस ऐप में सरकारी व निजी अस्पतालों को जोड़ा जाएगा। किस जगह कितने में फीस लगती है, अस्पताल कितनी दूरी में हैं, डॉक्टर से मिलने का समय, मरीज का एज ग्रुप, पुरानी बीमारी कौन-कौन सी रही, कौन सी बीमारी का इलाज चल रहा है। सारी जानकारी इस ऐप में मिलेगी।

डिपार्टमेंट के 8 विद्यार्थी कर रहे काम

प्रो. सुनीता वर्मा ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ़ इनफाॅर्मेशन टेक्नोलॉजी के 8 विद्यार्थी दिन में इस सॉफ्टवेयर को बनाने में काम कर रहे हैं। बाकी समय वह अपनी कक्षा में देते हैं। आने वाले 6 महीने में यह ऐप तैयार हो जाएगा। इसमें मरीज को सारी जानकारी चुटकियों में मिलेगी। एसजीएसआईटीएस संभवत: प्रदेश का पहला सरकारी कॉलेज है, जहां इस तरह का ऐप तैयार किया जा रहा है।

ट्रिपलआईटी के छात्र हर्ष जैन, मोहित खैरनार, सत्यम सागर, अक्षिता अग्रवाल, ओजस कुशवाहा और रजत कुमावत ने इस चैटबॉट को तैयार किया है। छात्रों ने बताया कि जल्द ही इस स्टार्टअप के पंजीकरण की प्रकिया शुरू की जाएगी। पंजीयन में बाद लोग इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकेंगे।
-एक करोड़ सालाना कमाई का अनुमान
छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए सरकार से एक लाख की राशि प्राप्त हुई है। इस चैटबॉट से भविष्य में आयुर्वेद दवाओं की डिमांड बढ़ेगी। इससे सालाना एक करोड़ की कमाई का अनुमान लगाया जा रहा है।
-मिलेगा श्रेष्ठ उपचार
इस स्टार्टअप से देश के करोड़ों लोगों जो आयुर्वेद पर विश्वास करते हैं उन्हें एक श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति से उपचार मिलेगा और एक स्वदेशी उद्योग की स्थापना होगी जिससे हमारी इकोनॉमी भी सुदृढ़ होगी और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी प्राप्त होगी।
दो माह में मिले 28 आइडिया
ई सेल के प्रभारी अजय श्रीवास्सव ने बताया कि छात्र-छात्राओं से स्टार्टअप के लिए आइडिया मांगे गए थे, दो माह लगभग 28 आइडिया छात्र-छात्राओं ने आइडिया सबमिट किए थे। इसमें से ऑल इंडिया लेवल पर 3 आइडिया का चयन हुआ है। तीनों स्टार्टअप को शुरू करने के लिए सरकार की अनुमति भी मिल गई है। इसमें आयुर्मिंत्रम एआई चैट बॉट भी शामिल है।

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