WHO ने कहा- भारत की स्थिति भयानक, भारत खरीदेगा 10 हजार ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स
नई दिल्ली,जेनेवा
भारत के ज्यादातर अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं और सैकड़ों मरीजों की मौत हो चुकी है तो सैकड़ों अस्पतालों में ऑक्सीजन बचा ही नहीं है।कोरोना वायरस ने भारत की स्थिति काफी खराब कर दी है। देश के हर कोने में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो रही है। जिसके बाद अब केन्द्र सरकार ने 10 हजार ऑक्सीजन कंसट्रेटेटर्स विदेशों से खरीदने का फैसला किया है। वहीं, भारत की स्थिति को लेकर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत की स्थिति इस वक्त भयानक है जो काफी चिंता की बात है। 10 हजार ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स खरीदेगी सरकार केन्द्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए 10 हजार ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स खरीदने का फैसला किया है।
सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि 'भारत ने 10 हजार ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स खरीदने का ऑर्डर दे दिया है। अगले हफ्ते से ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स अमेरिका से भारत आना शुरू हो जाएगा'। इसके साथ ही भारतीय न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि भारत में ऑक्सीजन किल्लत को दूर करने के लिए भारत सरकार ने कई प्राइवेट कंपनियों से करार किया है, जिसके तहत विदेशी कंपनियां जल्द से जल्द भारत को ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स मुहैया करवाएंगी।
अगले हफ्ते अमेरिका से मिलेगा ऑक्सीजन एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक अगले हफ्ते से अमेरिका से ऑक्सीजन आना शुरू हो जाएगा। 'अमेरिका के सैन फ्रांसिस्कों से अगले हफ्ते नई दिल्ली के लिए फ्लाइट आएगी, जिसमें बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स भारत पहुंचेगा, इसके साथ ही शिकागो से भी ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स भारत आएगा'। भारत सरकार की कोशिश है कि अस्पतालों को जल्द से जल्द ऑक्सीजन मुहैया कराया जाए ताकि लोगों की जिंदगी बच सके। इस वक्त भारत के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है और सैकड़ों मरीजों की मौत हो चुकी है। खासकर राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन बिल्कुल नहीं बचा है, जिसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है।
दिल्ली के अस्पतालों ने खड़े किए हाथ एएनआई ने दिल्ली के एक अस्पताल के हवाले से लिखा है कि ऑक्सीजन नहीं होने की वजह से राजधानी दिल्ली के एक बड़े अस्पताल ने कोरोना मरीजों की भर्ती करने से इनकार कर दिया है। अस्पताल ने कहा है कि उसके पास ऑक्सीजन है नहीं और कहीं से भी अस्पताल को मदद नहीं मिल रही है। एएनआई ने ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी फिलिप्स से बात की। जिसमें फिलिप्स के वाइस चेयरमैन डेनियल मेजन ने कहा है कि 'फिलिप्स मेडिकल के कई सामान बनाती है, जिसमें ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स, वेंटिलेटर्स, अल्ट्रासाउंड, मॉनीटर्स और आईसीयू के उपकरण बनाती है। लेकिन, अभी अचानकर से काफी ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है, जिसको देखते हुए कंपनी ने ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स ज्यादा बनाना शुरू कर दिया है। हमारी कोशिश है कि हम ज्याजा से ज्यादा ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स बनाकर भारत की डिमांड को पूरा कर सकें, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।' वहीं भारत सरकार ने कस्टम डिपार्टमेंट से कहा है कि ऑक्सीजन को लेकर फौरन क्लियरेंस सर्टिफिकेट जारी करें। वहीं, मेडिकल सामानों को लेकर भी केन्द्र सरकार ने कस्टम डिपार्टमेंट को कहा है कि वो मेडिकल सामानों को क्लियरेंस सर्टिफिकेट देने में एक पल की भी देरी ना करे।
डब्ल्यूएचओ ने कहा-स्थिति चिंताजनक वहीं, भारत की स्थिति को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने दुनिया के लिए चेतावनी जारी की है और कहा है कि कोरोना वायरस क्या कर सकता है, इसे भारत की खराब स्थिति को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा है कि वो भारत की स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं। डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा कि 'दुनिया में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी सुस्त है, जिसकी वजह से हजारों लोग मर रहे हैं, कोरोना मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है, उनकी जांच नहीं की जा रही है, जिसकी वजह से दुनिया खतरनाक स्थिति में पहुंचती जा रही है।' डब्ल्यूएचओ चीफ ने भारत को लेकर कहा है कि 'कोरोना के बढ़ते मामले भारत के लिए चिंता की बात है जिससे वो भी चिंतित हैं। भारत की स्थिति दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि कोरोना वायरस किस कदर कहर बरपा सकता है'