MCU में महापरिषद गठित करने उपराष्ट्रपति और लोकसभा स्पीकर की दखलअंदाज खत्म
भोपाल
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की महापरिषद के सदस्यों की नियुक्तियों में काफी परिवर्तन हो गया है। महापरिषद सदस्यों की नियुक्ति उपराष्टÑपति ओर लोकसभा स्पीकर नहीं कर पाएंगे। इससे महापरिषद सदस्यों की नियुक्तियों मे अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। हालांकि शासन ने महापरिषद और विद्या परिषद के सदस्यों की नियुक्तियां निरस्त कर रखी हैं। लाकडाउन खुलने के बाद नियुक्तियों का सिलसिला शुरू होगा।
एमसीयू की महापरिषद में एक सदस्य राज्यसभा और दूसरा सदस्य लोकसभा का होता है। अब महापरिषद में दोनों सांसदों की नियुक्ति उपराष्टÑपति और लोकसभा स्पीकर नहीं कर पाएंगे। ये दोनों नियुक्तियां अब राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी। ये व्यवस्था पिछली कांग्रेस सरकार में कमलनाथ ने विधानसभा से एक्ट में परिवर्तन कराया था, लेकिन वे पहली नियुक्ति कर पाते उसके पहले सूबे से कांगे्रस सरकार ही हवा हो गई। राज्य सरकार अब भाजपा सरकार अस्तित्व में हैं। इसलिए दोनों सदस्यों की नियुक्ति करने का अधिकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास पहुंच गया है।
महापरिषद में सिर्फ अखबारों के पत्रकार ही सदस्य होते थे। विधानसभा में भी परिवर्तन किया गया है। अब महापरिषद के सदस्यों में अब इलेक्ट्रानिक मीडिया, विकास संचार, मनोजरंर संचार, वेब मीडिया के पत्रकारों को शामिल किया गया है। इसके अलावा संपादकों के स्थान पर पत्रकारों को शामिल किया गया है। क्योंकि अखबारों में संपादक नियुक्तियां ज्यादा समय तक नहीं रहती हैं। इसलिए उनके स्थान पर पत्राकारों को ज्यादा तवज्जो दी गई है।
जनसंपर्क विभाग सचिव पी नरहरि का स्थानांतरण हो गया है। उनके स्थान पर सुदाम खाड़े को आयुक्त नियुक्त किया गया है। अभी तक उन्हें कुलपति का प्रभार देने का आदेश जारी नहीं किया गया है। इससे कुलपति की कुर्सी अभी रिक्त बनी हुई है। विभाग ने विद्या परिषद के सदस्यों की नियुक्तियों को निरस्त कर रखा है। इसमें प्रोफेसर और एचओडी के साथ महापरिषद से दो नामनी और शासन दो एक्पर्ट नियुक्त करता है। लाकडाउन खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री चौहान 36 सदस्यी महापरिषद का गठन करेंगे। इसी बीच कुलपति की नियुक्ति भी होगी। इसके बाद विद्या परिषद का गठन होगा।