EU ने बताई वजह- क्यों नहीं मिलेगा कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को ग्रीन पास?
नई दिल्ली
यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने सोमवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) निर्मित कोविशील्ड को 'ग्रीन पास' के लिए अप्रूव्ड टीकों की सूची से बाहर करने की वजह का जिक्र करते हुए कहा कि टीके के पास वर्तमान में यूरोपीय संघ में मार्केटिंग ऑथराइजेशन नहीं है।
ईमेल का जवाब देते हुए कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में छोटे अंतर के चलते फाइनल प्रोडक्ट में अंतर हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि टीके बायोलॉजिकल प्रोडक्ट हैं। ईएमए ने कहा, यूरोपीय संघ के कानून में मैन्युफैक्चरिंग साइट्स और प्रोडक्शन प्रोसेस का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। क्लीयरेंस के लिए यह जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, "एस्ट्राजेनेका का एकमात्र कोविड -19 वैक्सीन जिसके लिए ईएमए द्वारा एक मार्केटिंग ऑथराइजेशन एप्लीकेशन प्रस्तुत किया गया था वह वैक्सजेवरिया है।" उसने आगे कहा कि उसने अब तक चार टीकों के लिए ग्रीन पास की अनुमति दी है। इसमें कॉमिरनाटी (फाइजर), कोविड -19 वैक्सीन जानसेन, स्पाइकवैक्स (पहले कोविड -19 वैक्सीन मॉडर्न), और एस्ट्राजेनेका का वैक्सजेवरिया शामिल हैं।
दरअसल, सोमवार को खबर आई थी कि हो सकता है भारत में निर्मित एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कोविशील्ड का टीका लेने वाले यात्रियों को यूरोपीय संघ का "ग्रीन पास" नहीं दिया जाए़। इसके बाद अब भारत मंगलवार को इटली में जी20 बैठक के इतर भारतीय और यूरोपीय संघ के अधिकारियों के बीच चर्चा के दौरान यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन के अप्रूवल के मुद्दे को उठाएगा।
इधर, कोविशील्ड को 'ग्रीन पास' के लिए अप्रूव्ड टीकों की सूची से बाहर किए जाने की खबर के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह यूरोपीय संघ सहित अन्य पक्षों से कोविशील्ड को अपने कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल करने की सिफारिश करे। एसआईआई ने तर्क दिया है कि ऐसा न होने पर पढ़ाई और कारोबार के सिलसिले में यात्रा करने वाले प्रभावित होंगे। साथ ही भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने गंभीर समस्या पेश आएगी। मालूम हो कि यूरोपीय संघ औषधि एजेंसी ने टीकाकरण पासपोर्ट के लिए फाइजर/बायोएनटेक, मॉडर्ना, एस्ट्रा जेनेका-ऑक्सफोर्ड और जॉनसन एंड जॉनसन के टीके को मंजूरी दी है। जिन लोगों को ये टीके लगे हैं, उन्हीं को टीकाकरण पासपोर्ट जारी किया जाएगा। महामारी के दौरान यही लोग ईयू में यात्रा करने के लिए अधिकृत होंगे।