3 दिन, 35 कदम, ताकि इकॉनमी को मिले ताकत
नई दिल्ली
अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगे जबरदस्त झटके से उबारने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पिछले 3 दिनों से लगातार अहम ऐलान हो रहे हैं। पीएम मोदी ने जिस 20 लाख करोड़ रुपये के महापैकेज का ऐलान किया था, उसके ब्रेक-अप्स के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रोज देश को जानकारी दे रही हैं। यह महापैकेज भारत के जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है। इसमें गरीब, किसान, मजदूर, मिडिल क्लास, कुटीर उद्योग, MSMEs समेत सबका ख्याल रखा गया है। आइए एक नजर डालते हैं कि पिछले 3 दिनों में किनके लिए और क्या-क्या अहम ऐलान हुए हैं।
पहला हिस्सा
छोटे कारोबार के लिए
– सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का कौलेटरल फ्री लोन। इससे 45 लाख यूनिट्स फिर से काम शुरू कर पाएंगी और नौकरियां बचा पाएंगी।
– एनपीए वाले और स्ट्रेस्ड MSMEs को 20 हजार करोड़ रुपये का सबॉर्डिनेट लोन। इससे 2 लाख से ज्यादा यूनिट को फायदा।
-.एमएसएमई फंड ऑफ फंड्स के जरिए 50 हजार करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन। जो MSME अच्छा कर रहे हैं और वो बिजनस का विस्तार करना चाहते हैं, अपना आकार और क्षमता बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही है, उनके लिए फंड ऑफ फंड्स के जरिए फंडिंग मिलेगी।
-MSME के हित में इसकी परिभाषा बदल दी गई है। ये बदलाव मैन्युफैक्चिरिंग और सर्विस, दोनों इडंस्ट्रीज पर लागू होंगे। इस कदम से MSMEs अब बिना फायदों को खोए अपना विस्तार कर सकेंगे।
– नई परिभाषा के मुताबिक- 1 करोड़ रुपये तक निवेश करके 5 करोड़ तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री सूक्ष्म। 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक व्यापार करने वाली इंडस्ट्री लघु जबकि 20 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ रुपये तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री मध्यम कहलाएगी।
– 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं होगी। सरकार को घरेलू कंपनियों से टेंडर मंगवाने की बाध्यता होगी।
-कोविड-19 की वजह से ट्रेड फेयर्स में MSMEs शिरकत नहीं कर पा रहे। इसलिए उनका ई-मार्केट लिंकेज किया जाएगा। सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास उनका बकाया है तो अगले 45 दिनों में बकाया भुगतान करवाने की कोशिश की जाएगी।
गैर बैंकिंग कर्जदाताओं के लिए
30 हजार करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम की शुरुआत। इसका फायदा इन्हें मिलेगा- नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनियां, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रो फाइनैंस इंस्टिट्यूशंस को, जिन्हें बाजार से पैसा जुटाने में दिक्कत होती है। इस फंड की पूरी गारंटी सरकार देगी।
– NBFCs के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम। कर्ज देने पर नुकसान की स्थिति में शुरुआती 20 प्रतिशत नुकसान को गारंटर उठाएगा यानी सरकार खुद उठाएगी।
कर्मचारियों के लिए
– ईपीएफ में 2500 करोड़ का सपोर्ट, अब मार्च, अप्रैल और मई के अलावा जून, जुलाई और अगस्त की सैलरी के ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन में भी सरकार मदद करेगी। 72 लाख कर्मचारियों को फायदा।
– ईपीएफ में अब अगले तीन महीने तक 12% की जगह 10% कॉन्ट्रिब्यूशन। हालांकि, यह सरकारी सेवाओं में लागू नहीं। इससे संस्थानों के 6750 करोड़ रुपये बचेंगे।
पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के लिए
वन-टाइम इमर्जेंसी लिक्विडिटी के तहत पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये की मदद। इससे ये बिजली उत्पादकों के बकाये का भुगतान कर सकेंगी।
अन्य कदम
– रेलवे, सड़क परिवहन राजमार्ग और सीपीडब्ल्यूडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कॉन्ट्रैक्टर्स को अपने प्रॉजेक्ट पूरे करने के लिए 6 और महीने का वक्त दिया गया।
– रियल एस्टेट को भी राहत। 25 मार्च तक या उसके बाद एक्सपायर हो रहे प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 6 और महीने का वक्त।
– 31 मार्च 2021 तक टीडीएस में 25% की कटौती, टैक्सपेयर्स पर 50 हजार करोड़ रुपये का भार कम होगा।
– सभी तरह के इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर तक की गई।
दूसरा हिस्सा
दूसरे दिन फोकस प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों और गरीबों पर रहा। इसमें ये अहम घोषणाएं हुईं-
प्रवासियों के लिए मुफ्त राशन
5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और 1 किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा। जिनके पास राज्यों की तरफ से मिले गरीबी कार्ड नहीं हैं, वे भी मुफ्त अनाज ले सकेंगे। इस पर 3500 करोड़ रुपये का खर्चा, करीब 8 करोड़ प्रवासियों को मिलेगा फायदा।
एक देश, एक राशन कार्ड
पूरे देश में नैशनल पोर्टेबिलिटी राशन कार्ड्स यानी एक देश, एक राशन कार्ड लागू। अगस्त 2020 तक 23 राज्यों के लिए 67 करोड़ लाभार्थी यानी 83 प्रतिशत लाभार्थी कवर होंगे। मार्च 2021 तक 100 प्रतिशत कवर हो जाएंगे।
प्रवासियों के लिए कम किराये पर मकान
प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कम किराए के मकान की स्कीम होगी लॉन्च।
मुद्रा शिशु लोन
मुद्रा योजना के तहत 50 हजार रुपये तक कर्ज लेने वालों को अगले 12 महीनों तक ब्याज में 2% की छूट।
स्ट्रीट वेंडर
स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपये तक का स्पेशल क्रेडिट।
अफोर्डेबल हाउजिंग
6 से 18 लाख सालाना आय वाले मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम को मार्च 2021 तक बढ़ाया गया।
आदिवासियों के लिए
– आदिवासियों के रोजगार लिए सरकार 6000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जंगलों, वन्यजीवों की हिफाजत, पौधे लगाने, मिट्टी सहजने जैसे कामों में रोजगार दिए जाएंगे।
छोटे और सीमांत किसानों के लिए
– देश के 3 करोड़ छोटे-सीमांत किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये। नाबार्ड के जरिये ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 30 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराएगी सरकार।
– 2.5 करोड़ किसान, मछुआरे और पशुपालकों को कम ब्याज दरों पर कर्ज की सुविधा।
तीसरा चरण
तीसरे दिन किसानों, खाद्य प्रसंस्करण और किसानों से जुड़े हुए सेक्टरों के लिए अहम ऐलान किए गए।
– इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के लिए 10 हजार करोड़ रुपये।
– माइक्रो फुड स्कीम के लिए 10 हजार करोड़ रुपये।
– प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लॉन्च होगा। मत्स्य पालन उद्योग के लिए 20 हजार करोड़ रुपये।
-मवेशियों में खुरपका और मुंहपका बीमारी को खत्म करने के लिए टीकाकरण, 13,343 करोड़ रुपये खर्च।
-डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 15000 करोड़ रुपये।
– हर्बल मेडिसिनल प्लांट्स के लिए 4 हजार करोड़ रुपये। हर्बल खेती के लिए 10 लाख हेक्टेयर जमीन का होगा इस्तेमाल।
एग्रीकल्चर मार्केटिंग रिफॉर्म्स
केंद्रीय कानूनों में बदलाव होगा, ताकि- किसानों के पास अपने उत्पाद को आकर्षक मूल्य पर बेचने के कई विकल्प हों, एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच ट्रेड बाधामुक्त हो, कृषि उत्पादों की ई-ट्रेडिंग को बढ़ावा मिले।