14 वीं विज्ञान मंथन यात्रा आरंभ, पांच कक्षाओं के 1051
भोपाल
मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों के आठवीं से लेकर बारहवीं कक्षा के चयनित प्रतिभाशाली स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित 14वीं विज्ञान मंथन यात्रा 18 जनवरी 2021 से आरंभ हो गई है।विद्यार्थियों को देश के सात वैज्ञानिक संस्थानों का वर्चुअल भ्रमण कराया जा रहा है। इनमें वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् सीएसआईआर की प्रयोगशालायें और उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद शामिल है।
परिषद् के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी ने बताया कि उत्कृष्टता मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान मंथन यात्रा की शुरूआत की गई थी। इसका उद्देश्य प्रदेश के प्रतिभावान स्कूली बच्चों की विज्ञान में रूचि पैदा करना, वैज्ञानिक दृष्टिकोंण का प्रसार और बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र में केरियर बनाने के लिए प्रेरित और उत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पहली बार प्रदेश के बच्चों को विज्ञान प्रयोगशालाओं की वर्चुअल सैर कराई जा रही है। इस यात्रा में बच्चों को प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों से वर्चुअल संवाद और सवालों को पूछने का अवसर भी मिल रहा है। डॉ. कोठारी ने बताया कि यह शैक्षणिक यात्रा है,जो लगातार 13 वर्षों से जारी है।
मिशन एक्सीलेंस के समूह प्रमुख डॉ. विवेक कटारे ने बताया कि विज्ञान मंथन यात्रा की शुरूआत वर्ष 2007 में हुई थी। 2007-2019 के दौरान 7051 विद्यार्थी और 599 शिक्षक यात्रा में भाग ले चुके हैं। विज्ञान मंथन यात्रा के प्रभारी वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक श्री निरंजन शर्मा ने बताया कि विज्ञान मंथन यात्रा में कुल 1051 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। वर्चुअल विज्ञान मंथन यात्रा का समापन 28 जनवरी को होगा।
पहले दिन बच्चों ने इन वैज्ञानिक संस्थानों को देखा
विज्ञान मंथन यात्रा के पहले दिन 18 जनवरी को बच्चों ने चेन्नई की सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर की प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया। ये दोनों प्रयोगशालाएं देश के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास संगठन- वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् के अंतर्गत कार्यरत हैं। सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट,चेन्नई के वैज्ञानिक डॉ. अमित अशोक वरनेकर ने ‘केमिस्ट्री इन नेचर’ विषय पर व्याख्यान के दौरान 'प्रकाश संश्लेषण और क्रोमेटोग्रॉफी' के बारे में प्रायोगिक और रोचक जानकारी दी। बच्चों को वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से लैब की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों से भी परिचित कराया गया।
स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर के जिज्ञासा नोडल अधिकारी श्री एन.जी. भगवन ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर के बारे में अभिनव और देश को आत्मनिर्भर बनाने वाली प्रौद्योगिकी के बारे में रोचक और सरल अंदाज में बताया। अंत में विद्यार्थियों को अपने प्रश्नों के समाधान का मौका भी मिला।
20 और 21 जनवरी को वैज्ञानिक संस्थानों का कराया जाएगा वर्चुअल भ्रमण
विज्ञान मंथन यात्रा का दूसरा दौर 20 जनवरी को होगा। इस दौरान सभी पांचों कक्षाओं के विद्यार्थियों को नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट,लखनऊ की प्रयोगशाला का भ्रमण और वैज्ञानिकों से संवाद कराया जायेगा। तीसरे दौर में 21 जनवरी को उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट), देहरादून की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों से परिचित कराने के साथ ही वर्चुअल भ्रमण कराया जाएगा।