इंदौरमध्य प्रदेश

14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित

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 इंदौर
 हाई कोर्ट, जिला कोर्ट सहित अन्य न्यायालयों में 14 मई को आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियां जोरों पर हैं। जिला न्यायालय में इस लोक अदालत के माध्यम से 15 हजार से ज्यादा प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण हो सके इस उद्देश्य से प्रधान जिला न्यायाधीश वकीलों से चर्चा भी कर रहे हैं। पक्षकारों को भी उनके मोबाइल नंबरों पर मैसेज भेजे जा रहे हैं कि वे अपने प्रकरण का राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निराकरण करवाना चाहते हैं तो न्यायालय से संपर्क कर सकते हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एडीजे मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायालयों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले लंबित हैं जिनका आपसी समझोते के जरिए आसानी से निराकरण किया जा सकता है। कानूनी प्रक्रिया में ये प्रकरण सालों साल चलते रहते हैं और लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ाते हैं। चेक अनादरण, दुर्घटना क्लेम प्रकरण ऐसे मामले होते हैं जिनमें पीड़ित पक्ष को त्वरित आर्थिक मदद मिल जाए तो बड़ी राहत मिलती है। इन मामलों में पक्षकार चाहें तो आपसी सहमति से समझोता कर सकते हैं। लोक अदालत के माध्यम से जिन मामलों का निराकरण किया जाता है उनमें न्याय शुल्क वापसी का भी प्रविधान है। पक्षकार इसका फायदा उठाकर दोहरा लाभ ले सकते हैं। उन्हें लंबी न्यायिक प्रक्रिया से मुक्ति मिल जाती है दूसरी आर्थिक रूप से भी लाभ होता है।

कुटुंब न्यायालय में भी चल रही है तैयारी

राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर कुटुंब न्यायालय में भी तैयारियां चल रही हैं। इसके पहले आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में भी न्यायालय की समझाइश के बाद कई दंपति आपसी सहमति से साथ रहने को तैयार हुए थे। एडवोकेट प्रमोद कुमार जोशी ने बताया कि इस बार भी पक्षकारों को समझाइश देने का दौर शुरू हो गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी बड़ी संख्या में समझोते होंगे।

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