हिन्दी विश्वविद्यालय पर भोज ने निकाली लाखों की उधारी, अकादमी के पूर्व निदेशक को भेजा नोटिस
भोपाल
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय पर तीस लाख और हिंदी ग्रंथ अकादमी के पूर्व निदेशक पर एक लाख रुपए की भोज मुक्त विश्वविद्यालय उधारी हो गई है, जिसे नोटिस देने के बाद भी चुकाया नहीं जा रहा है। राज्यपाल आनंदी बने पटेल के आदेश के बाद प्रदेश के सभी में अपनी संपत्ति पर अवैध कब्जों से मुक्त करने की कार्रवाई करने पर उतर आए हैं।
भोज विश्वविद्यालय हिंदी ग्रंथ अकादमी के पूर्व निदेशक राम राजेश मिश्र को बंगला किराए पर दिए हुए हैं। उन्होंने छह माह से बंगले का किराया नहीं दिया है। उन्हें नोटिस देकर एक लाख रुपए का किराया जमा कर बंगले से कब्जा छोड़ने के दो नोटिस दिए गए हैं। इसका जवाब नहीं देने पर भोज विवि उनसे बाजार मूल्य के तहत वसूली करने की कार्रवाई करेगा। लेखापाल सनत पांडे को भी नोटिस दिया गया है।
हिंदी विवि ने स्थापना से लेकर आज तक भोज मुक्त विवि को किराए का भुगतान नहीं किया है। हिंदी विवि को भोज विवि के सिर्फ किराए के ही 30 लाख रुपए अदा करना है। कुलपति रामदेव भारद्वाज का कार्यकाल खत्म होने तक भोज के बंगले में बने रहेंगे। इसके अलावा हिंदी विवि भी भोज विवि के भवन किराए पर लिए हुए है। इसमें अधिकारी आवास खंड चार का किराया 19 हजार 201 रुपए और ईएमपीआरसी का भवन 40 हजार 638 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से दिया गया है।
किराए का भुगतान करने के लिए भोज विवि कुलपति डॉ. तारिक जफर और रविंद्र आर कान्हेरे कई बार पत्र व्यवहार कर चुके हैं। वर्तमान में कुलपति जयंत सोनवलकर ने राज्यपाल आनंदी बने पटेल के निर्देश पर भोज की संपत्ति से कब्जा छोड़ने का नोटिस देना शुरू कर दिया है। इसलिए भोज विवि में अवैध कब्जे मुक्त हो सकेंगे।
भोज विवि में आज महाप्रबंधन बोर्ड की बैठक बजट पेश किया गया। तीन करोड़ के घाटे में बजट में बीयू ने 93 करोड़ आय और 96 करोड़ का खर्चें बताए गए हैं। गांधी शेध पीठ और भोज शोध पीठ पर एक-एक करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा समाजिक सरोकार के लिए एक करोड़ का प्रावधान रखा गया है।