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हरिद्वार : गंगा का रौद्र रूप जलस्तर 404 क्यूसेक,पुल में दरार, कानपुर तक हाई अलर्ट

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हरिद्वार
पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश से गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया। वर्ष 2013 की आपदा के बाद पहली बार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने से तीन लाख 92 हजार 404 क्यूसेक तक पहुंच गया।

जलस्तर बढ़ने से हरिद्वार से लेकर कानपुर तक हाई अलर्ट जारी कर भीड़गोड़ा बैराज के सभी गेट एक साथ खोल दिए गए। बैराज खुलने से गंगनहर के जरिये उत्तर प्रदेश के लिए सिंचाई को छोड़ा जाने वाला पानी बंद हो गया। उधर, बैराज के पानी के बहाव से चंडी टापू को जोड़ने के लिए महाकुंभ में बनाए गए अस्थायी पुल के एप्रोच में दरारें आ गईं। नमामि गंगे घाट पानी में डूब गए। हालांकि, जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

पहाड़ों की बारिश का सीधा असर हरिद्वार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश तक पड़ता है। यहां भीमगोड़ा पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का बैराज है। बैराज की क्षमता 293.00 मीटर जलस्तर रोकने की है, लेकिन पहाड़ों में लगातार बारिश से शुक्रवार रात अलर्ट जारी हो गया था। लिहाजा बैराज में भी सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मुस्तैद रहे।

बैराज के वाटर असिस्टेंट निर्भय भारद्वाज के अनुसार, देर रात दो बजे गंगा का जलस्तर दो लाख 15 हजार 698 क्यूसेक पहुंच गया। इसके चलते कानपुर तक हाई अलर्ट जारी कर बैराज के 22 गेट एक साथ खोले गए।

नमामि गंगे के घाटों तक पानी पहुंच गया
वर्ष 2013 में 16 जून को आई भीषण आपदा में पांच लाख बीस हजार क्यूसेक पानी आया था। इसके बाद पहली बार शनिवार को गंगा का जलस्तर तीन लाख 92 हजार 404 क्यूसेक पहुंचा। बैराज खुलते ही गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया।

बैराज से पानी छूटते ही चंडी टापू को जोड़ने वाले लोहे के अस्थायी पुल के ऊपर से पानी बहने लगा। यह पुल महाकुंभ में बनाया गया था। इस दौरान गंगा में बोल्डर और जड़ समेत पेड़ बहकर आए। कई पेड़ पुल में फंस गए, जिससे पानी के बहाव से पुल की एप्रोच में दरारें आ गईं।

पुल का इस्तेमाल महाकुंभ के दौरान चंडी टापू पर बसाए गए शंकराचार्य नगर आनेजाने और चंडी टापू पर जाने के लिए किया गया था। जलस्तर बढ़ने से चंडी टापू पुल के पास बने नमामि गंगे के घाटों तक पानी पहुंच गया। अधिकतर घाट पानी में डूब गए। घाटों का निर्माण करीब 70 करोड़ रुपये से हुआ है। चंडी टापू पुल के पास ही निर्माणाधीन पुल के पिलरों तक पानी पहुंच गया।

श्मशान घाट पुल टूटा, तीन जेसीबी डूबी, निर्माण सामग्री बही
गंगा का जलस्तर बढ़ने से खड़खड़ी श्मशान घाट स्थित पुल भी टूट गया। पुल भागीरथी बिंदु से आने वाले धारा के ऊपर बना है। वहीं, चंडी घाट पर निर्माणाधीन पुल की सामग्री बह गई और तीन जेसीबी भी डूब र्गइं। परमार्थ घाट, कनखल और नमामि गंगे घाटों पर लगे आस्था कलश बह गए। खड़खड़ी श्मशान घाट के पास पिछले अर्द्धकुंभ में पुल बनाया गया था।

शुक्रवार रात पानी का बहाव अधिक होने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इससे आवाजाही बंद करनी पड़ी। बहाव से पुल के गार्डर और चादरें मुड़ गई हैं। वहीं, कनखल-बैरागी कैंप के रास्तों पर घाट का पानी आने से लोगों को आवागमन में परेशानी हुई। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील सेठी ने कुंभ बजट से होने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

 

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