भोपालमध्य प्रदेश

स्वरोजगार योजना को रीडिजाइन करा रही सरकार, सीएम जल्द करेंगे ऐलान

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भोपाल
राज्य सरकार मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना को रीडिजाइन करा रही है। इन योजनाओं के नए स्वरूप का ऐलान सीएम शिवराज सिंह चौहान इसी माह करने वाले हैं। माना जा रहा है कि नए वित्तीय वर्ष से नई स्कीम लागू की जाएगी। इन तीनों ही योजनाओं के क्रियान्वयन पर सीएम शिवराज के निर्देश पर एमएसएमई विभाग ने 18 दिसम्बर को आदेश जारी कर पूरी तरह रोक लगा दी थी। प्रदेश में युवाओं के लिए फिलहाल सिर्फ प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम स्कीम ही चल रही है।

सीएम चौहान ने इसके संकेत दो दिन पहले सिंगरौली में दिए थे। उन्होंने यहां कहा था कि स्वरोजगार की योजना की मैं रीपैकेजिंग कर रहा हूं ताकि जिन बच्चों को नौकरी न मिले वे अपना काम धंधा कर रोजी-रोटी चला सकें। जो बच्चे पढ़ने में तेज हैं भले ही वे गरीब परिवार से हों, उनके पढ़ाई का फीस सरकार भराएगी। हर महीने रोजगार मेला लगाया जाएगा जिससे सभी युवा साथियों को रोजगार मिलेगा। रोजगार के साथ ही हम स्वरोजगार पर भी ध्यान दे रहे हैं। उद्योगों में 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को दिया जाएगा जिनकी जमीन उद्योगों की स्थापना के कारण गई हैं, उन्हें पूरा हक और अधिकार दिलवाएंगे। हर महीने इसकी समीक्षा करेंगे। इस मामले में एमएसएमई मंत्री ओपी सकलेचा का कहना है कि सीएम चौहान इसको लेकर गंभीर हैं और जल्द ही आने वाले दिनोें में लगने वाले रोजगार मेलों के दौरान इसके नए स्वरूप की जानकारी देंगे।

सीएम चौहान ने इन योजनाओं का काम रोके जाने को लेकर पिछले माह कहा था कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना को रीडिजाइन किया जा रहा है। यह योजना बन्द नहीं हुई है बल्कि जल्द ही नए स्वरूप में युवाओं के लिए लागू की जाएगी। यही स्थिति मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के मामले में भी है। उन्होंने जानकारी दी थी कि योजना का लाभ उन्हीं परिवार के लोग ज्यादा ले रहे थे जो सक्षम हैं और उनके घर परिवार के लोग उद्योग चला रहे हैं। जबकि योजना की मंशा यह थी कि टैलेंट रखने वाले युवाओं को स्टार्टअप के लिए लोन दिया जाए, इसलिए इसे रोकना पड़ा है।

एमएसएमएई, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिम जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ विभाग द्वारा संचालित योजना है। इसमें 50 हजार से 10 लाख तक के लोन पर 15 प्रतिशत मार्जिन मनी और 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का प्रावधान है।

एमएसएमई विभाग के उद्योग केंद्र, राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम और राज्य अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम में यह योजना संचालित होती है। इस योजना में 10 लाख से 2 करोड़ तक के लोन पर 15 प्रतिशत मार्जिन मनी और 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का प्रावधान है।

एमएसएमई, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिम जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ विभाग, कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन तथा मछुआ कल्याण विभाग द्वारा संचालित हैं। इस्में 10 लाख से 2 करोड़ तक के लोन पर 15 प्रतिशत मार्जिन मनी और 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का प्रावधान है।

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