बिलासपुर। नेताजी सुभाष स्टेडियम, रायपुर के पुनर्निर्माण से प्रभावित आर्किटेक्ट नेहा श्रीवास्तव व संदीप श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने दुकानों की नीलामी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इन दुकानों के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 25 जून रखी गई थी।
याचिकाकतार्ओं की ओर से कहा गया कि याचिकाकतार्ओं ने सुभाष स्टेडियम में पांच दुकान को किराए तथा लीज पर 1995 से ले रखे थे। नगर-निगम बिलासपुर की ओर से 2014 में निर्णय लिया गया कि सुभाष स्टेडियम का पुनर्निर्माण किया जाना है। पुनर्निर्माण में नई दुकानें नहीं बनाई जायेगी। इसके साथ ही याचिकाकतार्ओं का किराया अनुबंध निरस्त कर दिया गया। नगर-निगम के इस आदेश को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
नगर निगम आयुक्त की ओर से अधिवक्ता पंकज अग्रवाल ने हाईकोर्ट को दिए गए जवाब में कहा कि स्टेडियम में पुन: दुकानें नहीं बनाई जाएंगी। इसके बावजूद सन् 2017 में वहां पर दुकानें बना दी गईं। नगर निगम रायपुर ने इन दुकानों को बेचने के लिये नोटिस जारी किया। इसे भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इसी दौरान नगर-निगम ने दुकानों की बिक्री नहीं होने पर नीलामी निरस्त कर दी।
कोर्ट ने इस दौरान आदेश दे रखा था कि याचिकाकतार्ओं को वहां पर दुकानें दी जाएं। इसके बावजूद दुकानें नहीं दी गई और 16 मार्च 2020 को फिर दुकानों की बिक्री, नीलामी के जरिये करने की सूचना जारी कर दी गई। इसके लिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 जून रखी गयी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दुबे ने याचिकाकतार्ओं की ओर से बताया कि ऐसे ही एक प्रकरण में जवाहर मार्केट में दुकानों को पुनर्वासित कर नई दुकानें दी जा रही हैं। याचिकाकतार्ओं के साथ नगर निगम द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। नगर निगम के वकील ने आज कोर्ट में बताया कि वे याचिकाकतार्ओं को प्राथमिकता देने के लिये तैयार हैं। कोर्ट ने नगर निगम के प्रस्ताव की जानकारी लिखित में मांगी है और एक जुलाई को अगली सुनवाई रखी है।