सुब्रमण्यम ने अशोका विवि के प्रोफेसर पद से दिया इस्तीफा
नई दिल्ली
मशहूर अर्थशास्त्री और देश के पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है। दरअसल अरविंद सुब्रमण्यम ने आरोप लगाया है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी होने के बावजूद अशोका विवि में 'अकेडमिक फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' यानी कि 'अभिव्यक्ति की अकादमिक स्वतंत्रता' नहीं है, इसलिए वो अपने पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। बता दें कि सुब्रमण्यम ने अपना इस्तीफा राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता के संस्थान छोड़ने के दो दिन बाद दिया है।
सुब्रमण्यम के त्यागपत्र के बाद विवि में बवाल मच गया है, छात्रों और शिक्षकों का एक समूह सुब्रमण्यम के पक्ष में खड़ा हो गया है और उसने सुब्रमण्यम के इस्तीफे को स्वीकारने से मना कर दिया है। मालूम हो कि अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि यहां पर किसी को कुछ बोलने की स्वतंत्रता नहीं है। प्रताप भानु मेहता को सरकार की आलोचना करना भारी पड़ा और इस वजह से उन्हें संस्थान छोड़ना पड़ा, ऐसे माहौल में काम करना काफी मुश्किल है और इस कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है।
गौरतलब है कि राजनीतिक टिप्पणीकार प्रताप भानु मेहता ने अपने कई लेखों में केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी हालांकि विवि के कुलपति मलविका सरकार ने छात्रों और शिक्षकों के साथ ऑनलाइन मीटिंग की और उन्होंने कहा कि वो मेहता से इस्तीफा वापस लेने की अपील कर चुके हैं लेकिन मेहता ने उन्हें अकेला छोड़ देने की प्रार्थना की है लेकिन अब अरविंद सुब्रमण्यम का भी पद छोड़ने से छात्र-शिक्षक विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
अरविंद सुब्रमण्यम के त्यागपत्र पर अब राजनीति भी गर्मा गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सुब्रमण्यम के इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है, उन्होंने कहा है कि ये भाजपा की तानाशाही है, वो लोगों के मन में खौफ पैदा करना चाहती है। उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने सुब्रमण्यम के त्यागपत्र की खबर को शेयर करते हुए लिखा है कि वे बंगाल जाकर कहते हैं कि 'सोनार बांग्ला' बनायेंगे लेकिन गुरुदेव की मूल भावना पर हमला कर रहे हैं। गुरुदेव टैगोर ने कहा था 'जहां चित्त भयशून्य हो…जहां ज्ञान मुक्त हो।'ज्ञान को बेड़ियों में बांधना, जनता के चित्त में भय पैदा करना ही भाजपा का उद्देश्य है।
कौन हैं अरविंद सुब्रमण्यम?
मालूम हो कि अरविंद सुब्रमण्यम मशहूर अर्थशास्त्री और देश के पूर्व आर्थिक सलाहकारके रूप में विख्यात हैं। सुब्रमण्यम सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएट हैं और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के छात्र रह चुके हैं। वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में अर्थशास्त्री और जी-20 पर वित्त मंत्री के विशेषज्ञ समूह के स्पेशल मेंबर भी रहे हैं। सुब्रमण्यम ने इंडिया के विकास, बिजनेस, क्लाइमेट, आर्थिक स्थिति, इंडो-चाइना रिलेशनशिप पर काफी कुछ लिखा है।
उनकी गिनती विश्व के शीर्ष अर्थशास्त्रियों में होती है, उनके लेख अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू और जर्नल ऑफ पब्लिक इकोनॉमिक्स जैसी मशहूर पत्रिकाओं का हिस्सा रहे हैं। वो 16 अक्टूबर 2014 -2017 तक वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किए गए थे लेकिन उनका कार्यकाल साल 2019 तक बढ़ाया भी गया था लेकिन उन्होंने अध्यापन के कार्य के लिए आर्थिक सलाहकार का पद छोड़ दिया था और तब से वो अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के पद पर थे।