सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को दिया बड़ा झटका
नई दिल्ली
कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक लगाने का आदेश के बाद कृषि कानून का विरोध करने वाले वकील एम एल शर्मा ने चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की तीराफों के कसीदे पढ़ दिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाते हुए किसानों के मुद्दे के समाधान के लिए कमिटी गठित करने का आदेश दिया है।
कृषि कानूनों का विरोध करने वाले वकील एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चीफ जस्टिस एस ए बोबडे को साक्षात भगवान बता डाला। गौरतलब है कि शर्मा लगातार केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे। उन्होंने इसे किसानों के खिलाफ बताया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इस मुद्दे का समाधान के लिए चार सदस्यीय कमिटी बना दिया है। कमिटी में भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष बेकीयू), डॉ प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान), अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री) और अनिल धनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) होंगे।
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत और चीफ जस्टिस ने सरकार और किसान संगठनों को जमकर फटकार भी लगाई। अदालत ने कहा कि वह कानून की वैधता और नागरिकों के जीवन को लेकर चिंतित है। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह कमिटी सबकी सुनेगा। जिसे भी इस मुद्दे का समाधान चाहिए वह कमिटी के पास जा सकता है। यह कोई आदेश नहीं जारी करेगा या आपको सजा नहीं देगा। यह केवल हमें अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। उन्होंने कहा कि हम एक कमिटी का गठन करते हैं ताकि हमारे पास एक साफ तस्वीर हो। हम यह नहीं सुनना चाहते हैं कि किसान कमिटी के पास नहीं जाएंगे। हम समस्या का समाधान करना चाहते हैं। अगर आप अनिश्चितकाल के लिए प्रदर्शन करना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं।
किसानों के वकील विकास सिंह ने कहा कि किसान प्रदर्शन स्थल से उस जगह जा सकते हैं जहां से प्रदर्शन दिखे। अन्यथा प्रदर्शन का मतलब नहीं रह जाएगा। रामलीला मैदान दिया जाए प्रदर्शन के लिए। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामलीला मैदान या कहीं और पर प्रदर्शन के लिए पुलिस कमिश्नर से किसान इजाजत के लिए आवेदन दे सकते हैं ऐसा हम ऑर्डर करेंगे।