ये रिश्ता क्या कहलाता है में अब तक आपने देखा कि कार्तिक की गाड़ी के पास से रणवीर की गाड़ी गुजरती है लेकिन सीरत को देख नहीं पाता है. आगे कार्तिक और सीरत एक-दूसरे से बात कर रहे होते हैं तभी वह फिसलकर गिर जाती है और दोनों जोर से हंसने लगते हैं.
आगे आप देखेंगे कि सीरत सुहासिनी से शीला और उसके बेटे को आउट हाउस में भेजने कहती है. सुहासिनी उसे समझाती है कि वह मनीष का दिल नहीं तोड़ना चाहती है इसलिए शीला और उसके बेटे को घर से बाहर नहीं रख सकती है. दादी सीरत और कार्तिक से गणगौर पूजा के बारे में बताती है दोनों यह सुनकर चौक जाते हैं.
सीरत गणगौर पूजा के लिए व्रत रखने के लिए तैयार हो जाती है ये देखकर दादी बहुत खुश हो जाती है. कार्तिक सीरत को व्रत रखने से मना करता है लेकिन वह परिवार के लिए पूजा करती है. इसी बीच कार्तिक नायरा को मिस करता है और नायरा के साथ बिताये हुए गणगौर पूजा को याद करती है.
सीरत और घरवाले पूजा की तैयारी में लग जाते हैं लेकिन सीरत भी रणवीर को मिस करती है. उसे याद आता है कि कैसे रणवीर गणगौर की मूर्ति बनाने में उसकी मदद करता था. दूसरी तरफ रणवीर भी गणगौर पूजा की तैयारी करता है और सीरत की याद में मूर्ती बनाने के लिए मिट्टी मंगवाता है.
रणवीर सीरत को याद करके बहुत रोता है और दुआ करता है कि वह कभी भी उससे ना मिले. तभी रणवीर का दोस्त वहां आकर उसे कहता है कि सीरत एक दिन उसे जरूर मिलेगी.
कैरव शादी की तैयारियों से बहुत खुश होता है और अक्षरा से बातें करता है तभी कार्तिक (Krtik) वहां आता है और तीनों साथ में वक्त बिताते हैं. आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि सीरत और रणवीर की जुदा हुई राहें फिर से कैसे होंगी एक साथ.