सिंघोरी अभ्यारण में निर्माण एजेंसी की तानाशाही, ब्लास्टिंग से यातायात प्रभाभित
बाड़ी
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में सिंघोरी अभ्यारण्य व रातापानी अभ्यारण्य के बीच से निकलने वाले नेशनल हाईवे 12 को फोरलेन में उन्नयन किया जा रहा जिसमें पहाड़ को वारूद की सुरंग बिछाकर बिस्फोट कर काटा जा रहा है .
बता दें कि विगत वर्षों से चल रहा यह फोर लाइन सड़क निर्माण कार्य जिसे ब्रजगोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी अपने रसूख के दमपर इसतरह बना रही है कि आए दिन इनके घटिया निर्माण और तानासाही की चचार्एं अखबारों की सुर्खियां बनी हुई हैं,बाबजूद इसके सम्बन्धित अधिकारियों की गहरी नींद निर्माण एजेंसी के सत्ताधारी नेताओं से मधुर सम्बंध बताते दिख रहे हैं.
बेसे तो इस निर्माण एजेंसी की सेंकणों अनियमितताएं देखने को मिलती रहती हैं किंतू इसी दौरान निर्माण एजेंसी द्वारा सिंघोरी अभ्यारण क्षेत्र नागिन मोड़ पर बगैर डायवर्शन रूड दिए वारूदी सुरंग बिछाकर वलास्टिंग कर बड़े बड़े पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है जिससे कई घँटों तक यातायात प्रभाभित रहता है ,इस भयंकर जाम में फंसे मुसाफिरों को निर्माण एजेंसी की तानाशाही से अत्यंत पीड़ा झेलनी पड़ती है जिसे बह चौक चौराहों पर वयां करते दिखाई देते हैं, बहिं इस वलास्टिंग से हरे भरे बृक्षों को तो क्षति पहुंच ही रही है साथ ही बारना बांध की दूरी कम होने के कारण बांध की नींव भी इसके धमाकों से क्षतिग्रस्त हो सकती है।
इसी बिस्फोट के चलते विगत सप्ताह एक मादा गर्भवती शेरनी की रहस्यमयी मौत का खुलासा भी नहीं हुआँ और जंगल बारुद के धमाकों से गूँजने लगा ..गौरतलब हैं इस जंगल में महज हाथी की मौजूदगी को छोड़कर सभी तरह के हिंसक जीव व पशुपक्षियों का बसेरा हैं ..और इस बिस्फोट में मौके पर वन विभाग के आलाधिकारियों की मौजूदगी न होना ही वन का विनाश हैं। रविवार को विस्फोट के कारण दोनों तरफ सेकड़ों वाहनों की लंबी कतार लग गई जिससे मुसाफिरों को अत्यंत पीड़ा गहन करनी पड़ी।