सायबर सेल की एडवायजरी बच्चों के मोबाइल में सेव न करें बैंकिंग पासवर्ड
भोपाल
आॅनलाइन गेम्स को लेकर होने वाली ठगी से बचने के लिए राज्य सायबर पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। एडीजी सायबर योगेश चौधरी ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि आॅनलाइन गेम्स खेलने के चलन में अधिकतर घरों के बच्चे अपने लिये खुद का मोबाइल दिलाने की जिद करते हैं या माता पिता के मोबाइल का उपयोग कर आॅनलाइन गेम खेलते हैं। इन गेम्स में अगले लेवल पर जाने या कोई अवतार, हथियार या ड्रेस खरीदने के लिये आॅनलाइन पेमेंट करनी होती है जो कि बच्चे अपने माता-पिता के ओनलाइन बैंकिंग या डेबिट, क्रेडिट कार्ड से कर देते हैं। जिसकी बाद में माता-पिता पैसों के संबंध में सायबर क्राइम होने की शिकायत पुलिस से करते हैं।
चौधरी ने कहा कि कई बार कार्ड व बैंक की डिटेल्स बच्चे गैम के ही पेमेंट मोड में सेव कर देते हैं, जिससे अगली बार पेमेंट करने में केवल ओटीपी की ही जरुरत होती है। यह ओटीपी माता-पिता के ही मोबाईल नम्बर पर आता है और उसी मोबाइल से बच्चे गेम्स खेलते हैं। जिससे पैसे ट्रांसफर करने में उन्हें समय नहीं लगता और ट्रांजेक्सन होने के बाद वह उस ओटीपी के मैसेज को मोबाइल से डिलीट भी कर देते हैं। जब तक माता-पिता को पैसे कटने की जानकारी लगती है तब तक उनका हजारों-लाखों का नुकसान हो चुका होता है। कई बार बच्चे इस अवसाद में आकर गलत कदम उठा लेते हैं । इस तरह के कई मामले सुनने में आ रहे हैं।
सायबर पुलिस ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि बच्चों को हो सके तो मोबाइल न दें यदि आॅनलाईन क्लासेस के लिये मोबाइल दें भी तो उन्हें बिना सिम कार्ड के मोबाईल दें और वाई-फाई से इन्टरनेट इस्तेमाल करने दें। बाजार में ऐसे टेबलेट उपलब्ध हैं जिनमें सिम नहीं लगती। बच्चों की आॅनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें। परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर आदि पर पैरेंटल कंट्रोल आॅन करें। माता-पिता अपने मोबाइल बच्चों को न दें और उनके पासवर्ड बच्चों को न बतायें खासकर तब जब आपके बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नम्बर की ही सिम मोबाइल सेट में उपयोग हो रही हो। बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्सन करने की छूट न दें और न ही उनसे बिल, रीचार्ज या अन्य पेमेंट करने को कहे।