सस्ते में खरीदें RIL का शेयर, होगा तगड़ा मुनाफा
नई दिल्ली
एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का राइट्स इश्यू (RIL rights issue) आज ओपन हो रहा है। इस इश्यू से कंपनी ने 53,125 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। निवेशकों को शेयर खरीदने का मौका 3 जून तक मिलेगा। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू है।
कंपनी को कर्जमुक्त बनाने की दिशा में कंपनी का यह अब तक का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू है। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) अपने शेयर धारकों के लिए सस्ते में शेयर खरीदने का एक अनूठा अवसर लाई है। आरआईएल के मुताबिक, यह राइट इश्यू 1257 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लाया जाएगा। राइट्स इश्यू का साइज 53,125 करोड़ रुपये का होगा। कंपनी के हर 15 शेयर रखने वालों को बाजार से कम कीमत पर एक शेयर खरीदने का अवसर होगा।
ऋण भार कम करना होगा उद्देश्य
आरआईएल के निदेशक मंडल ने ऐलान किया है कि वह राइट इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपये जुटाएगी। रिलायंस ने एक बयान में कहा है कि बोर्ड ने योग्य इक्विटी शेयरधारकों को राइट्स बेसिस पर कंपनी के प्रत्येक 10 रुपये के इक्विटी शेयर जारी करने की मंजूरी दे दी। यानी राइट्स इश्यू के तहत 53,125 करोड़ रुपये के शेयर जारी किए जाएंगे, जो शेयरधारकों के लिए निवेश का खास मौका होगा।
कितने में मिलेगा शेयर
कंपनी के निदेशक मंडल ने राइट इश्यू के जरिए दिए जाने वाले शेयर का भाव 1257 रुपये रखा है। इसके शेयर का मूल्य 10 रुपये है, मतलब इसमें 1,247 रुपये का प्रीमियम शामिल होगा। मतलब कि जिस भाव पर राइट इश्यू दिया जा रहा है, वह अभी के बाजार भाव से करीब 14 फीसदी कम है।
क्या होगा अनुपात
कंपनी के निदेशक मंडल ने राइट इश्यू का अनुपात 1:15 तय किया है। मतलब कंपनी के हर 15 शेयर रखने वालों को इसके जरिए एक शेयर खरीदने का मौका मिलेगा। कंपनी ने यह भी तय किया है कि इसके प्रोमोटर अपने हिस्से के राइट का उपयोग करेंगे। साथ ही इक्विटी होल्डर मद में यदि कोई शेयर अनसब्सक्राइब्ड रह जाता है तो उसे भी प्रोमोटर ही खरीद लेंगे।
कंपनी का बेहतर भविष्य
इंडस इक्विटी के एमडी सुशील चौकसी ने कहा, 'रिलायंस का भविष्य बेहतर है। आने वाले दिनों में इसका रिटेल और जियो अलग इकाई का रूप ले सकता है। जियो में बेहतर भविष्य भांप कर ही फेसबुक ने इसमें 9.9 फीसदी का हिस्सेदारी ली है। मुझे लगता है कि कंपनी ने अगले दो-तीन साल के रोडमैप की तैयारी कर ली है।'
पहली बार कंपनी ला रही राइट्स इश्यू
रिलायंस पहली बार राइट इश्यू ला रही है। हालांकि, कंपनी अपने शेयरधारकों को कई बार बोनस शेयर का उपहार दे चुकी है। कंपनी ने पहली बार 1983 में बोनस शेयर जारी किया था। उस वक्त रिलायंस ने हर 5 शेयरों के बदले 3 शेयर बोनस के रूप में दिया था। इसके बाद 1997, फिर 2009 और सबसे अंत में रिलायंस ने 2017 में बोनस शेयर जारी किया था।
क्या होता है राइट्स इश्यू
शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती है। राइट्स इश्यू के जरिए कंपनी अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है। राइट्स इश्यू के तहत शेयरधारक निश्चित अनुपात में ही अतिरिक्त शेयर खरीद सकते हैं। कंपनी यह अनुपात तय करती है। अगर कंपनी ने राइट्स इश्यू के लिए 1:4 का अनुपात तय किया है तो इसका मतलब है कि शेयरधारक को पहले से उसके पास मौजूद हर 4 शेयर पर 1 अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका होगा। राइट्स इश्यू के लिए समय का ऐलान कंपनी करती है। तय अवधि में ही वह निवेशकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है।
कंपनियां क्यों लाती हैं राइट्स इश्यू?
कंपनी पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू पेश करती है। कई बार कंपनी कारोबार के विस्तार या किसी दूसरी कंपनी के अधिग्रहण के लिए पैसा जुटाने के वास्ते राइट्स इश्यू लाती है। कुछ कंपनियां कर्ज के बोझ को कम करने के लिए भी राइट्स इश्यू का सहारा लेती हैं, जैसा रिलायंस इंडस्ट्रीज के मामले में देखा जा रहा है।
शेयर पर क्या पड़ता है असर?
राइट्स इश्यू का कंपनी के शेयर बेस पर सीधा असर पड़ता है। राइट्स इश्यू के बाद कंपनी का इक्विटी बेस बढ़ जाता है। इसके चलते स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शयरों की लिक्विडिटी बढ़ जाती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि कंपनी के ऑनरशिप में कोई बदलाव नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि कंपनी का मालिकाना हक उन्हीं लोगों के पास बना रहता है, जो पहले से मालिक थे।
डिस्काउंट पर मिलता है शेयर
राइट्स इश्यू में कंपनी शेयरधारकों को कीमत में डिस्काउंट देती है। इसका मतलब है कि अगर किसी कंपनी के शेयर की कीमत स्टॉक एक्सचेंज में 100 रुपये है और कंपनी राइट्स इश्यू में 10 फीसदी डिस्काउंट देती है तो कंपनी के अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए आपको प्रति शेयर 90 रुपये चुकाने होंगे।