श्योपुर में फसलें सूखने का डर, ग्रामीण इलाकों और पंप लाइनों में बिजली की सप्लाई पूरी तरह गड़बड़ाई
श्योपुर
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में किसानों की चिंता बढ़ गई है. उनकी फसलें सूखने की कगार पर हैं. बाढ़ के बाद बिजला कंपनियों ने लाइनों को तो दुरुस्त कर दिया, लेकिन ग्रामीण इलाकों और पंप लाइनों में बिजली की सप्लाई पूरी तरह गड़बड़ाई हुई है. बिजली के अभाव में किसानों को फसलें सूखने का डर है.
गौरतलब है कि श्योपुर जिले में आई बाढ़ की वजह से श्योपुर शहर से लेकर बड़ौदा, सोंईकलां, आवदा, मानपुर, ढोढ़र, वीरपुर, विजयपुर और कराहल इलाकों में बिजली लाइनें टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई थीं. इन्हें बिजली कंपनी के अधिकारियों ने 15-20 दिन के अंदर दुरुस्त करवा दिया. लेकिन, मौजूदा हालातों में जिले के 6-7 ऐसे गांव हैं जहां बिजली अभी तक दुरुस्त नहीं हो सकी है. ज्यादा परेशानी की बात यह है कि बाढ़ के बाद बची हुई फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त में बिजली नहीं मिल पा रही है. इससे उनकी फसलें खेतों में मुर्झाने लगी हैं.
ललितपुरा गांव के किनान दामोदर ने बताया कि किसान बिजली कंपनी के अफसरों से लेकर कलेक्टर तक इस संबंध में शिकायतें करके थक चुके हैं. लेकिन, जिम्मेदार अधिकारी किसानों को 24 घंटे में महज 4 घंटे ही बिजली मुहैया करवा रहे हैं. उस वक्त भी वोल्टेज इतना कम होता है कि किसानों के ट्यूबवेल नहीं चल पाते. इससे परेशान किसानों ने अब खड़ी फसलों पर हल चलाकर आगामी सीजन की फसल तैयार करना शुरू कर दिया है. बड़ौदा के किसान शंभुलाल केवट ने कहा कि बाढ़ के बाद टूटी हुई बिजली लाइनों के साथ बिजली सप्लाई को ठीक तरह से बहाल किए जाना बेहद जरुरी है. ताकि, जिन किसानों के खेतों में खड़ी फसलें बाढ़ से बच गई हैं वे खराब न हों.
इस मामले जिले के कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा- ऐसा नहीं है. बिजली सहित अन्य कामों की मैं खुद मॉनिटरिंग करता हूं. आपने देखा होगा कि बिजली लाइनों का काम रिकॉर्ड टाइम में करवा दिया गया है.