शहीद हुए जवानों के परिजनों को सांत्वना देने मुख्यमंत्री के पास दो शब्द नहीं – रमन
रायपुर
एक ओर जहां पूरे छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार बढ़ते ही जा रही हैं वहीं दूसरी ओर कल नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में हमारे 20 से अधिक जवान शहीद हो गए, लेकिन उनके परिजनों को सांत्वना देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास दो शब्द तक नहीं हैं। किसी राज्य का मुख्यमंत्री इतना असंवेदनशील नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री की पहली प्राथमिकता भी असम चुनाव हो गई है। उक्त बातें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि रोम जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा है। शहीद जवानों की बॉडी रिकवर नहीं हुई है और मुख्यमंत्री असम चुनाव में डटे हुए हैं। बस्तर को लेकर यह बार-बार सवाल उठाते थे कि कोई आईजी पदस्थ नहीं है। आज बस्तर में डीआईजी नक्सल सम्भाल रहा है। ये गैर जवाबदार सरकार हैं। गृहमंत्री को अब तक बस्तर पहुंच जाना चाहिये था। उन्होंने कहा कि यह सूचना आ रही थी कि बीजापुर के उस इलाके में बड़ी संख्या में नक्सलियों का जमावड़ा हो रहा है, फोर्स के पास यूएवी है। लोकेशन ट्रेस करने में मदद ली जा सकती थी, लेकिन जो ऐहतियात बरतना चाहिए था उसमें कमी देखी गई और दस दिनों के भीतर दो बड़ी घटना घट गई। नक्सलियों के खिलाफ मुँह तोड़ जवाब देने के हम सिर्फ़ बयान सुनते हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता हैं।
कोरोना को लेकर रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना की भयावह स्थिति निर्मित हो रही है और कल आँकड़ा छह हजार को छू गया। इस स्थिति को बनाने का जवाबदार कौन है? स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि छत्तीसगढ़ की स्थिति ख?ाब होती जा रही है। आईसीयू में जगह नहीं है। मैं खुद कल एम्स से लेकर सरकारी अस्पतालों, निजी आस्पतालों में फोन लगाता रहा, लेकिन एक बेड नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि मौत के आंकड़ों में हेरफेर किया जा रहा है। जितनी मौतें हो रही हैं, उससे कम आँकड़े जारी किए जा रहे हैं। यह अजीब स्थिति है। आज वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है। सेस के रूप में कोविड के नाम से चार सौ करोड़ रुपए वसूले गए, लेकिन आज तक वेंटिलेटर का अरेंजमेंट नहीं कर सके। राजनीतिक मुद्दा बनाकर वैक्सिनेशन को सरकार टालती रही। गुजरात में क्रिकेट मैच में स्टेडियम खाली रहा, लेकिन रायपुर में हुए मैच में चालीस चालीस हजार लोगों को श्मशान घाट में बिठाया गया।