शहर को नहीं मिल पाएगी इलेक्ट्रिक बसों की सौगात
भोपाल
लगातार घाटे में चल रहे बीसीएलएल अब शहर में बिजली से चलने वाली बसों की सौगात देने नहीं दे पाएगा क्योंकि इससे कंपनी को लाभ की बजाय और घाटा होगा। इससे पहले राजधानी में इंदौर के बाद बैटरी से चलने वाली बस चलाने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए पहले पांच बैटरी चलित सिटी बसों को एक्सपैरीमेंट के रूप में चलाने की योजना बनाई थी । इसके आधार पर इलेक्टिक मल्टी मॉडल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तहत डीपीआर तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजी गई थी, लेकिन वहां से अभी तक कोई रिस्पोंस नहीं मिला है।
वहीं, शहर में इलेक्टिक बसों को चलाने से पहले इसकी चार्जिंग यूनिट बनाई जानी थी। लेकिन उसमें भी काफी खर्चा आ रहा है। इस समय दो तरह की बसों पर फोकस किया गया था जिसमें बैटरी को पूरी तरह से बिजली से चार्ज किया जाता है और दूसरी वह है जिसमें सोलर पैनल बसों की छत पर लगाए जाते हैं।
शहर में चलने वाली लो फ्लोर बसों और मिडी बसों की हालत खराब होनेके कारण अब कंपनी इलेक्ट्रिक बस की रिस्क नहीं लेना चाहती है। एक इलेक्टिक बस की कीमत 87 लाख रुपए है और इसको शहर के जिन पांच रूटों पर चलाने की प्लानिंग की गई थी वहां से भी राजस्व ज्यादा जनरेट नहीं होता है।