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विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ भक्तों के लिए खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, फूलों और लाइट्स से सजा है मंदिर

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चमोली

पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुन के साथ रविवर को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भगवान के दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। मंदिर को फूलों और लाइट्स से सजाया गया है। अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले की पहाड़ियों पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।

यह मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिन्हें 'चार धाम' कहा जाता है। इसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं। यह मंदिर उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। यह हर साल छह महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) भक्तों के लिए खुला रहता है। केदारनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। बता दें कि वार्षिक चारधाम यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 8 मई को खुलेंगे। इस महीने की शुरुआत में, राज्य सरकार ने चार धाम आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया था।

बद्रीनाथ में रोजाना 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी। यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है। इस साल, तीर्थयात्रियों के लिए कोविड-19 निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य नहीं है। चार धाम में हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं।

 

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