अन्य खेलखेल

म्बापे का गोल नहीं करना पड़ा फ्रांस को भारी, पेनाल्टी शूटऑउट में हारकर हुआ बाहर

Spread the love

नई दिल्ली
फीफा विश्व कप के फाइनल में फ्रांस की जीत के हीरो रहे 22 वर्षीय काइलियान म्बापे यूरो कप के अंतिम-16 में स्पॉट किक पर गोल से चूक गए और उनकी टीम पेनाल्टी शूटआउट में स्विट्जरलैंड से 4-5 से हारकर बाहर हो गई। पेनाल्टी शूटऑउट में सिर्फ म्बापे ही ऐसे खिलाड़ी रहे जो गोल नहीं कर सके।

यह मौजूदा टूर्नामेंट का पहला मुकाबला था जो शूटऑउट तक खिंचा। इस जीत के साथ स्विट्जरलैंड की टीम पहली बार यूरोपियन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई जहां उसका सामना स्पेन से होगा।

स्विट्जरलैंड की 1938 के बाद यह नॉकआउट स्टेज में पहली जीत है। वहीं 1954 के बाद पहली बार उसने किसी प्रमुख टूर्नामेंट के अंतिम-8 में प्रवेश किया। तब वह फीफा विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था जो उसकी मेजबानी में हुआ था।

अतिरिक्त समय तक 3-3 से बराबर रहा मुकाबला : निर्धारित और अतिरिक्त समय तक स्कोर 3-3 से बराबर था। फ्रांस के लिए करीम बेंजेमा (57वें, 59वें मिनट) ने दो और पॉल पोग्बा (75वें मिनट) ने गोल किए। स्विट्जरलैंड की ओर से सेफेरोविच (15वें, 81वें मिनट) ने दो और मारियो गावरानोविक (90वें मिनट) ने गोल किए।

स्विस फुटबॉल की इस ऐतिहासिक शाम में कई कमाल हुए। टीम पहले 1-3 से पीछे चल रही थी। आखिरी पांच मिनट में उसने दो गोल करके वापसी की। नतीजा अतिरिक्त समय में मुकाबला गया और इसके बाद पेनाल्टी में।

स्टर्लिंग (75वें मिनट) और हैरी केन (86वें मिनट) ने दूसरे हाफ में 11 मिनट के भीतर दो गोल दागे जिससे इंग्लैंड ने जर्मनी को 2-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। यह इंग्लैंड की वेंबले में पिछले 55 वर्षों में जर्मनी पर पहली जीत है। इंग्लैंड ने 1966 के विश्व कप फाइनल में यहां जर्मनी को हराया था। इसके बाद यहां दोनों के बीच पिछले जो तीन मुकाबले खेले वह सभी जर्मनी ने जीते थे। इंग्लैंड यूरो कप के इतिहास की दूसरी टीम है जिसके कोई भी टीम पहले चार मैचों में गोल नहीं कर सकी। इससे पहले 2016 में जर्मनी ने ऐसा किया था।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close