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मिस्र की पहली महिला बॉक्सिंग कोच, इनाम की राशि से खरीदा सामान

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नई दिल्ली
मिस्र की पहली महिला बॉक्सिंग कोच सबा सक्र ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। वह मिस्र की पहली महिला कोच हैं जो पुरुषों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दे रही हैं। सबा के लिए ये सफर आसान नहीं रहा। इसके लिए उन्हें आलोचना झेलनी पड़ी। जाहिर है मिस्र एक ऐसा देश है जहां महिलाओं को आजादी नहीं है। इसके वाबजूदज वह बॉक्सर बनीं और अब पुरुषों को कोचिंग दे रही हैं।

मिस्र के शहर बेनी सुएफ में हफ्ते में सिर्फ दो बार एक छोटे से कमरे का जिम खुला दिखता है। यहां 36 साल की सबा सक्र 18 से 30 साल के 20 से ज्यादा युवाओं को बॉक्सिंग सिखाती हैं। देश की राजधानी काहिरा में महिलाओं को ऐसे काम करने की मनाही है, लेकिन राजधानी से 100 किमी दूर स्थित इस कृषि प्रधान इलाके में सबा यह सेंटर बखूबी चला रही हैं। वह मिस्र के परंपरावादी और सामाजिक पाबंदियों वाले समाज में युवाओं को ट्रेनिंग दे रही हैं।

सबा मिस्र की पहली महिला बॉक्सिंग कोच भी हैं। सबा बताती हैं, पहले-पहले ये किसी को मंजूर नहीं था। मिस्र में महिलाओं को ऐसे किसी खेल का कोच बनना स्वीकार्य नहीं है। लेकिन बाद में मेरी लगन और मेहनत देख सब मान गए। सबा के मुताबिक, मैंने एक छोटा-सा कमरा किराए पर लेकर यह जिम शुरू किया था। धीरे-धीरे यहीं सारा सामान जुटाया। इनाम में मिली रकम का काफी हिस्सा मैंने इस जिम में लगाया है। वहीं सबा से ट्रेनिंग ले चुके अम्र सलाह इल्दिन कहते हैं- बेनी सुएफ में कोच की कमी और सबा का अनुभव व योग्यता ने मुझे मजबूर किया कि मैं उन्हीं से ट्रेनिंग लूं।

दो साल में 10 से ज्यादा मेडल और कई चैंपियनशिप जीत चुकी सबा कहती हैं, मैं बॉक्सिंग में नहीं आना चाहती थी लेकिन मेरे कोच ने मेरी ताकत और ऊर्जा देखकर मुझे इस खेल के लिए चुना। मुझे यह खेल पसंद भी नहीं था क्योंकि मुझे अपने चेहरे की फिक्र थी। कोच की वजह से सबा बॉक्सिंग में उतरीं जरूर, लेकिन जब रिंग में उतरीं तो उन्होंने दो साल में कई चैंपियनशिप और 10 से ज्यादा मेडल जीत लिए। इसके बाद उन्होंने कोचिंग देनी शुरू की।

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