छत्तीसगढ़

मातेश्वरी की 56वीं पुण्यतिथि पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के सदस्य करेंगे मौन रहकर योग साधना

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रायपुर
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी ओमराधे की 56 वीं पुण्यतिथि पर कल ब्रह्माकुमारी संस्थान के सदस्य मौन रहकर योग साधना करेंगे। मुख्य आयोजन इस संस्थान के चौबे कालोनी और शान्ति सरोवर स्थित सेवाकेन्द्रों में किया जाएगा। इस दिन प्रात:कालीन सभा में क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी मातेश्वरी जी के व्यक्तित्व से सम्बन्धित संस्मरण सुनाएंगी। पश्चात परमपिता परमात्मा को भोग लगाने के बाद दोपहर 12 बजे तक ब्रह्माकुमारी संस्थान के सदस्य मौन रहकर योग साधना के द्वारा विश्व में शान्ति के प्रकम्पन फैलाएंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रह्माकुमारी ओमराधे ने मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही मानव मात्र के कल्याण हेतु अपना समूचा जीवन ब्रह्माकुमारी संस्थान में समर्पित कर दिया था। सेवा की लगन, ईश्वर के प्रति समर्पण और योग तपस्या में गहन रूचि होने के परिणामस्वरूप वह न सिर्फ पुरूषार्थ में ही अग्रणी रहीं अपितु ब्रह्माकुमारी संगठन की प्रथम मुख्य प्रशासिका बनने का सौभाग्य भी उन्हें मिला। वह वात्सल्य और ममता की प्रतिमुर्ति थीं। इसीलिए छोटे-बड़े सभी उन्हें माँ कहकर पुकारते थे। वर्ष 1936 में उनके द्वारा रोपित ब्रह्माकुमारी संगठन का पौधा आज पल्लवित होकर दुनिया के पाँचों महाद्वीपों में स्थित एक सौ उन्तालीस (139) देशों में आठ हजार से भी अधिक सेवाकेन्द्रों के माध्यम से लोगों को मानसिक शान्ति और आध्यात्मिक सुख प्रदान कर रहा है। ब्रह्माकुमारी ओमराधे ने 24 जून 1965 को सम्पूर्ण स्वरूप को प्राप्त करने के उपरान्त अपने नश्वर शरीर का त्याग किया था।

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