छत्तीसगढ़

मनरेगा से लाखों ग्रामीणों को मिल रहा है रोजगार

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कोरबा
छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। जिससे लोग अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। प्रदेश में मनरेगा से ग्रामीण अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं। इसी कड़ी में कोरबा जिले में वित्तीय वर्ष 2020-2021 में अब तक 45.60 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित किये गये है जो कि योजना प्रारंभ से अब तक जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि है। 21 मार्च 2021 को जिले में एक लाख एक हजार 294 लाख श्रमिक रोजगार के लिए मनरेगा के विभिन्न कार्यो में नियोजित थे।

जिले में मनरेगा के तहत इस वर्ष 54 लाख मानव दिवस सृजित करने का निर्धारित किया गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के मार्गदर्शन में अब तक जिले में 45 लाख 60 हजार 880 लाख रोजगार दिवस का सृजन किया जा चुका है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 84 प्रतिशत है। मानव दिवस सृजन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अभी एक सप्ताह शेष है जिसमें कोरबा जिला 100 प्रतिशत लक्ष्य की ओर अग्रसर है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार ने सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, कार्यक्रम अधिकारियों, तकनीकी सहायको को निर्देशित किया है कि निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति हेतु ज्यादा से ज्यादा श्रम मूलक कार्य संचालित किये जाये तथा मांग अनुसार अधिक से अधिक श्रमिको को रोजगार प्रदाय किया जाये। जिले में मनरेगा के तहत कुल एक लाख 49 हजार 699 पंजीकृत परिवार है जिसमें से एक लाख 28 हजार 371 सक्रिय परिवार है अब तक 95 हजार 459 परिवारो को रोजगार प्रदाय किया जा चुका है।

कोरबा जिले में कुल 45लाख 60 हजार 860 मानव दिवस रोजगार सृजित किए जा चुके हैं। जनपद पंचायत कोरबा में सात लाख 30 हजार 990 मानव दिवस, जनपद पंचायत करतला में पांच लाख 62 हजार 032 मानव दिवस, जनपद पंचायत कटघोरा में तीन लाख 15 हजार 299 मानव दिवस, जनपद पंचायत पाली में 13 लाख 93 हजार 637 मानव दिवस तथा जनपद पंचायत पोडी उपरोडा में 15 लाख 58 हजार 902 मानव दिवस सृजित किए जा चुके है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक कार्यो में ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्य – नरवा उपचार के तहत विभिन्न संरचनाओ का निर्माण, गौठान निर्माण, नया तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, सिचांई कूप निर्माण, भूमि सुधार, आदि कार्य किए जा रहे हैं।

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