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भारत बायोटेक ने phase 3 ट्रायल का डेटा शेयर किया 

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नई दिल्ली
कोरोना वैक्‍सीन कोवैक्सिन के असरदार है कि नहीं इस चिंता के बीच हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक, भारत में निर्मित COVID-19 वैक्सीन के निर्माता, ने देश के शीर्ष दवा नियामक DCGI को चरण 3 परीक्षण डेटा शेयर किया है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़े ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंपे हैं। कोवैक्‍सीन भारत का एकमात्र स्वदेशी रूप से विकसित COVID-19 वैक्सीन है, जो देश में वायरल संक्रमण के खिलाफ लोगों को टीका लगाने के लिए उपयोग किए जा रहे तीन टीकों में से एक है।
 दिग्गज वैज्ञानिक का दावा, 'वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है डेल्टा प्लस वेरिएंट' वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को जारी करने में देरी को लेकर हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता की तीखी आलोचना हुई है। DCGI ने अपने चरण 1 और 2 डेली टेस्‍ट के आधार पर जनवरी में भारत में प्रतिबंधित इमरजेंसी में उपयोग के लिए Covaxin को मंजूरी दी थी। शुरूआती रिसर्च में दावा किया गया है कि कोविशील्ड वैक्सीन कोवैक्सिन की तुलना में कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ अधिक एंटीबॉडी बनाती है। रिसर्च से ये भी पता चला है कि वैक्‍सीन के दो शॉट्स के बाद, कोविशील्ड के 98 प्रतिशत यूजर्स ने एंटीबॉडी रिएक्‍शन भी दिखा है। 

जबकि कोवाक्सिन यूजर्स में यह 80 प्रतिशत था। कोवैक्सिन के निष्कर्षों को तत्काल जारी करने के लिए बढ़ते कोलाहल के बीच नई जानकारी सामने आई है। भारत बायोटेक ने अध्ययन को कमतर आंकते हुए कहा कि प्रारंभिक शोध में "बहुत सारी खामियां" हैं और इसे तदर्थ आधार पर आयोजित किया गया था। फार्मा फर्म ने यह भी कहा था कि अध्ययन की सहकर्मी-समीक्षा नहीं की गई थी और इसे वैज्ञानिक रूप से डिजाइन नहीं किया गया था।भारतीय निर्मित टीकों के अध्ययन की पहली और दूसरी खुराक के बाद स्पाइक प्रोटीन के लिए इम्युनोजेनेसिटी प्रतिक्रियाओं के मूल्यांकन पर एक हालिया तुलनात्मक रिपोर्ट में बहुत सारी खामियां थीं। 

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