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भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लगातार हो रहे चोटिल, फिजियो के वर्कलोड और इंजरी मैनेजमेंट पर उठे सवाल

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नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज में भारत के कई खिलाड़ी चोट से जूझ रहे हैं और कुछ को बाहर भी होना पड़ा है। इसी बीच ब्रिसबेन में जारी चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन तेज गेंदबाज नवदीप सैनी सिर्फ 7.5 ओवर की गेंदबाजी के बाद मांसपेशियों में खिंचाव के कारण बाहर हो गए। इसके बाद से भारतीय टीम के ट्रेनर और फिजियो के काम पर सवाल उठने लग गए हैं। अपने प्रमुख खिलाड़ियों की चोट से जूझ रही भारतीय टीम को शुक्रवार को सैनी के चोटिल होने से एक और झटका लगा। भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा अपने आखिरी चरण में है और भारतीय टीम में चोटिल होने वाले खिलाड़ियों की बड़ी संख्या से चयनकर्ताओं को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए मजबूत गेंदबाजी आक्रमण चुनने में मुश्किल होगी। खिलाड़ियों के चोटिल होने को दो तरीके में बांटा जा सकता है- पहला है ट्रॉमा (खेल या अभ्यास के दौरान चोट लगना) और दूसरा फिटनेस की समस्या से जुड़ा हुआ है। फिटनेस समस्या के कारण खिलाड़ियों के चोटिल होने से टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए दो फिजियो और दो स्ट्रेथ एवं कंडीशनिंग कोच के काम पर सवाल उठ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के चार गेंदबाजों जोश हेजलवुड (98 ओवर), पैट कमिंस (111.1), मिशेल स्टार्क (98) और नाथन लियोन (128 ओवर) ने शुरुआती तीन मैचों में 435.1 ओवर की गेंदबाजी की है और वे पूरी तरह फिट है और ब्रिसबेन में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में भी गेंदबाजी करेंगे। भारत के लिए शुरुआती तीन टेस्ट में छह गेंदबाजों रविचंद्रन अश्विन (134.1 ओवर), जसप्रीत बुमराह (117.4 ओवर) रविंद्र जडेजा (37.3 ओवर), उमेश यादव (39.4 ओवर) नवदीप सैनी (29 ओवर) और मोहम्मद सिराज (86 ओवर) ने 442 ओवर की गेंदबाजी की है और इसमें से पांच गेंदबाज चोटिल हो गए।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का चौथा और अंतिम मुकाबला ब्रिसबेन में होना है। तीन मैचों के बाद फिलहाल सीरीज 1-1 से बराबरी पर है। इस तरह जो भी टीम ब्रिसबेन टेस्ट मैच जीतेगी, उसके नाम बॉर्डर-गावसकर ट्रोफी भी हो जाएगी। फिटनेस के कारण चोटिल होने वाले में उमेश यादव दो टेस्ट की चार पारियों में पूरी गेंदबाजी नहीं कर सके तो वही सैनी एक टेस्ट और एक सत्र में 36.5 ओवर की गेंदबाजी कर चोटिल हो गए। अश्विन के पीठ में भी सीरीज के तीसरे मैच के दौरान जकड़न हो गई जिससे वह चौथे टेस्ट से बाहर हो गए। फिटनेस समस्या के कारण टीम से बाहर होने वालों की सूची में हनुमा विहारी का नाम भी शामिल हो गया। उन्होंने सिडनी में 161 गेंद की पारी के अलावा मौजूदा दौरे पर कोई और बड़ी पारी नहीं खेली है। ऐसे में टीम के सीनियर फिजियो नितिन पटेल और उनके जूनियर योगश परमार के साथ स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच निक वेब और शुम देसाई को कुछ कड़े सवालों के जवाब देने पड़ सकते हैं। भारतीय टीम के साथ काम कर चुके एक सीनियर फिजियो ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘कोई भी शमी, बुमराह या जडेजा की चोट के बारे में नहीं पूछ रहा क्योंकि वह ट्रॉमा से जुड़ा है लेकिन उमेश यादव ने इंडियन प्रीमियर लीग में भी कुछ ही मैच खेले या नवदीप सैनी ने पहले दो वनडे के बाद 40 ओवर की गेंदबाजी भी नहीं की।’ उन्होंने सवाल किया, ‘लोग विहारी के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि उनका कार्यभार अधिक था क्योंकि वह आईपीएल में नहीं खेले थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में लंबे समय तक बल्लेबाजी नहीं की। क्या वह अच्छी तरह से अपनी फिटनेस को ठीक से बरकरार रखने के लिए प्रशिक्षित थे।’ इस बीच चोटिल हनुमा विहार शुक्रवार को भारत के लिए रवाना हो गए। वह इस चोट के कारण इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए चयन के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे।

बीसीसीआई के गलियारों में ऐसे बातें चल रहीं कि पूर्व कप्तान और बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली खुद पटेल, परमार, वेब और देसाई से इस बारे में कुछ मुश्किल सवाल कर सकते है। बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, ‘यही समय है कि गांगुली और सचिव जय शाह को इस बारे में कुछ सवाल करना चाहिए। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए 27 जनवरी से चेन्नै में अपने अगले जैव-सुरक्षित माहौल में आरटी-पीसीआर जांच के बाद प्रवेश करेगी।’ BCCI सूत्रों ने कहा, ‘ऐसे में टीम के पास सिर्फ 12 दिन बचे हैं और चेतन शर्मा और सुनील जोशी (राष्ट्रीय चयनकर्ता) को यह पता ही नहीं है कि कौन से तेज गेंदबाज टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध होंगे। फिलहाल ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार ही पूरी तरह से फिट लग रहे हैं लेकिन उन्होंने काफी समय से टेस्ट मैच नहीं खेले हैं।’

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