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भाजपा जल्द करेगी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का ऐलान

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रायपुर
देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई माह में पूरा होने वाला है और उससे पहले नए राष्ट्रपति के लिए नामों की चर्चा जोर पकडऩे लगी है। जिन नामों की चर्चा जोरों पर है उनमें एक नाम मध्यप्रदेश में जन्मी और वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके का भी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई 2022 में पूरा होने वाला है। उनका स्थान कौन लेगा इसको लेकर एक तरफ जहां सियासी कयास लगाए जा रहे हैं तो दूसरी ओर कई नामों पर मंथन भी हो रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी आखिरी मौके पर नया नाम लाकर सबको चौंका भी सकते हैं, जैसा कि अक्सर देखने को मिला है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके, तमिलनाडु की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाम भी संभावितों में है। वहीं झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम भी भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए सामने आ रहा है।

    किसी महिला या ओबीसी को बनाया जा सकता है उम्मीदवार
    सूत्रों के मुताबिक भाजपा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित उम्मीदवार या किसी महिला को नामित कर सकती है। भाजपा 2024 के आम चुनाव के लिए अपना समर्थन जुटाने के लिए ऐसा कर सकती है। ओबीसी और महिलाओं का देश की आबादी में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व है। अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी) या दक्षिण भारत के उम्मीदवार जैसे कई थ्योरी राजनीतिक हलकों में तैर रहे हैं। पार्टी सभी संभावनाओं को टटोलने और 2024 संसदीय चुनाव को नजर में रखकर ही उम्मीदवार को नामित करेगी।

    ओबीसी देश की कुल आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक है
    जाति आधारित जनगणना की मांग के बीच, राजनीतिक दल जानते हैं कि ओबीसी देश की कुल आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक है, जबकि महिलाएं भारत की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि महिलाएं भाजपा का नया वोटबैंक हैं। भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए या तो ओबीसी या महिला को नामित कर सकती है या महिला-ओबीसी उम्मीदवार के लिए जा सकती है। वहीं पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि सभी सामाजिक समीकरणों के बीच, एससी समुदाय से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की संभावना नहीं है क्योंकि वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद इसी समुदाय से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इस बार एससी समुदाय के किसी नेता को मौका दिए जाने की संभावना बहुत कम है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए इस समय ओबीसी और महिलाओं को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। उत्तरप्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक सभी राज्यों में ओबीसी एक बड़ी ताकत है। हाल के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में, कुछ ओबीसी नेताओं के पार्टी से बाहर होने के बावजूद, भाजपा को समुदाय से भारी समर्थन मिला।

 

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