ब्लॉक्ड रेवेन्यू रिलीज कराने के लिए रियायत, मुख्य सचिव अगले सप्ताह करेंगे समीक्षा
भोपाल
कोरोना काल में राजस्व संकट से जूझते हुए बार-बार बाजार से ऋण लेने को मजबूर सरकार अब बकाया जमा न करने वाले डिफाल्टर्स के लिए नई रियायतें देने की तैयारी में है। इसको लेकर सभी विभाग अपने यहां के डिफाल्टर्स की सूची और उनसे जमा कराई जाने वाली रकम की जानकारी मुख्य सचिव को देंगे। इसके बाद ब्याज और पेनाल्टी में राहत देकर सरकार डूबा धन जमा कराने का काम करेगी।
राज्य सरकार अब डिफाल्टर्स की ब्लाक रिकवरी से रेवेन्यू जनरेट करेगी। इसके लिए प्रदेश के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों से ऐसे डिफाल्टर्स की सूची मांगी गई है जो बड़े डिफाल्टर हैं और चक्रवृद्धि ब्याज या पेनाल्टी लगाने के कारण सरकार का बकाया जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे डिफाल्टर्स को राशि जमा करने में कन्सेशन (रियायत) देकर सरकार डूबे धन से राजस्व बढ़ाने पर फोकस करेगी। मुख्य सचिव अगले सप्ताह से इसकी समीक्षा करने वाले हैं।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने विभागों को लिखे पत्र में कहा है कि कतिपय विभागों में विभिन्न मदों में बकाया राशि की वसूली करोड़ों में लंबित है। मसलन खनिज प्रकरण में पेनाल्टी, विलम्ब से दिए जाने वाले भुगतान पर सरचार्ज, डायवर्सन शुल्क रेंट आदि कई मसले हैं जिसमें चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के कारण बकाया राशि बहुत अधिक हो गई है। ऐसे मामलों में बकाया वसूली के लिए जरूरी है कि विभाग डिफाल्टर को देय राशि में आवश्यक कंशेसन आॅफर करें ताकि बकायादार राशि जमा करने के लिए प्रेरित हों। ब्लाक रिकवरी में से देय राशि की योजना के मुताबिक वसूली कर राजस्व संग्रहण बढ़ाने और प्रकरण खत्म करने के लिए यह आवश्यक है। सीएम बैंस ने इसी के मद्देनजर विभागों से ऐसी देय राशि चिन्हित कर योजना तैयार करने के लिए कहा है।
इस मामले में खास बात यह है कि सीएस द्वारा इसको लेकर ढाई माह पहले शुरुआती कवायद की गई थी और ऐसे केस की जानकारी तैयार करने के लिए कहा था लेकिन अब तक कई विभाग इसकी रिपोर्ट तैयार नहीं कर सके हैं। ऐसे में चीफ सेक्रेट्री ने फिर विभागों को रिमाइंडर भेजकर योजना तैयार करने को कहा है ताकि अगले सप्ताह से रिकवरी को लेकर समीक्षा बैठकें की जा सकें।