बेटा-बेटी की जन्मदर एक समान तो पाएं दो लाख का पुरस्कार
भोपाल
प्रदेश में किसी भी पंचायत के विकास के लिए राज्य सरकार से दो लाख रुपए ग्रामीणों की इस सजगता से मिल सकते हैं कि वे आपस में न लड़ें और उनके बीच का विवाद थाने तक नहीं पहुंचे। इसके अलावा अगर किसी पंचायत में बेटा-बेटी की जन्मदर एक समान है तो भी उस पंचायत को दो लाख रुपए मिल सकते हैं। यह राशि पंचायतों को राज्य सरकार की ओर से पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल सीहोर जिले के खैरी गांव में घोषणा की है कि ऐसी ग्राम पंचायत, जहां बालक-बालिकाओं की जन्म दर का अनुपात समान है, उस पंचायत को दो लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। बेटा-बेटी में भेदभाव रोकने के लिए सीएम चौहान ने यह पुरस्कार घोषित किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के साथ ही बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। बेटियों के साथ होने वाली हिंसा और अपराध को रोकने के लिए कानून बनाया गया है। अभी तक 72 लोगों को इस कानून के तहत फांसी की सजा सुनाई गई है।
उन्होंने सभी से आव्हान किया कि बेटा-बेटी में फर्क न करें। दोनों एक समान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों और स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तय किए गए 50 प्रतिशत आरक्षण का ही परिणाम है कि प्रदेश में 56 प्रतिशत महिलाएं चुनाव जीतकर आईं और बेहतर ढंग से पंचायतों और निकायों को चला रही हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि ऐसी ग्राम पंचायत जिसमें एक साल से विवाद न हुआ हो और न ही कोई एफआईआर दर्ज हुई हो, उसको भी दो लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जरूरतमंद वर्गों के खातों में एक लाख 18 हजार करोड़ रुपए पेंशन, छात्रवृत्ति, किसान सम्मान निधि और अन्य राहत के रूप में जमा कराए गए हैं।