भोपालमध्य प्रदेश

बेटा-बेटी एक समान के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना जरूरी

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भोपाल
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि जन्म के समय बालक-बालिकाओं के लिंगानुपात में बालिकाओं की संख्या कम होना चिंता का विषय है। उन्होंने कहाकि स्वास्थ्य विभाग के साथ समाज को भी आगे आना होगा। बेटा-बेटी एक समान के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी मंत्रालय में पीसी एण्ड पीएनडीटी अधिनियम के राज्य सुपरवाइजरी बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में अभी भी कुछ जिले ऐसे हैं जहाँ जन्म के समय बालक और बालिका के लिंगानुपात में अधिक अंतर है। उन्होंने कहा कि दतिया, सतना, ग्वालियर, रायसेन, सीधी, बुरहानपुर, सीहोर, गुना, देवास, सिंगरौली, पन्ना, हरदा और बड़वानी में लिंगानुपात में अधिक अंतर है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में लिंगानुपात में असमानता की खाई को पाटने के लिये प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधियों के माध्यम से बेटा-बेटी एक समान का संदेश जन-जन तक पहुँचायें। ऐसे जिले, जहाँ बालिकाओं का लिंगानुपात कम है। इसके लिये स्थानीय प्रतिभाशाली बालिकाओं को ब्रॉण्ड एम्बेसडर बनाकर उनके माध्यम से जागरूकता बढ़ायें।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट में पंजीयन में किये गये प्रावधान में सोनोग्राफी जाँच केन्द्र के पंजीयन से ली जाने वाली राशि का उपयोग बालिकाओं के लिंगानुपात को बढ़ाने में करें। गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक का दुरूपयोग करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाये।

विधायक एवं सदस्य श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय प्रतीक हजेला, स्वास्थ्य आयुक्त सह सचिव डॉ. सुदाम खाड़े, एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास, संचालक स्वास्थ्य रवीन्द्र चौधरी, दिनेश श्रीवास्तव और बैठक में वर्चअली जुड़े सदस्य डॉ. ज्योति बिंदल, अमूल्य निधि, सुश्री माधवी झावर, डॉ. नीरजा पुराणिक, डॉ. मुकेश बिड़ला, डॉ. आलोक लाहोटी, उप संचालक डॉ. प्रज्ञा तिवारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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