बिल्डरों खेती की जमीन पर बिना सरकारी अनुमति काट दी कॉलोनियां, सरकार एक्ट में बदलाव कर देगी राहत
भोपाल
राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में भू-माफिया और बिल्डर सक्रिय है। वे किसानों की खेती की जमीन औने-पौने दामों पर खरीदकर बिना किसी शासकीय अनुमति के अवैध कॉलोनियां काटकर बेच रहे है। भोपाल में ऐसे बिल्डरों के खिलाफ 33 शिकायतें दर्ज की गई है। इन कॉलोनियों में प्लाट खरीदने वाले आम नागरिकों को राहत देने राज्य सरकार नगर पालिका अधिनियम में संशोधन करने जा रही है और उसके आधार पर यहां विकास कार्य किए जाएंगे और आम लोगों के निर्माण को वैधानिक दर्जा दिया जाएगा।
गौरा गांव में सर्वाधिक 36 कॉलोनियां अवैध रूप से बनाई गई है। इसके अलावा बैरागढ़ चीचली में चौदह, बरखेड़ी कला में तेरह, सेवनिया गौड़ में सात, चीचली में आठ,बिलखिरिया खुर्द में छह, रतनपुर सड़क पर नौ, लांबाखेड़ा में तेरह, बैरागढ़ कला में नौ कॉलोनियां काटी जा चुकी है। कॉलोनी निर्माताओं में राजेन्द्र पाटीदार, राज राजेश्वरी बिल्डर, राजरानी होहरी, महेश विश्वकर्मा, अर्जुन सिंह, शिवशक्ति लेंड डेवलपर्स, गीत रियल्टी,प्रयवविनी इंफ्रावेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ग्रीनपार्क नई दिल्ली, एचजीआर होम हाउस प्राइवेट लिमिटेड जनकपुरी गृह निर्माण समिति, आकांक्ष गृह निर्माण समिति, महावीर इंटरप्राइजेज, तिरुपति रियल्टी एंड डेवलपर्स दीवान सिंह,भोजपाल होम्स प्राइवेट लिमिटेड, वन निधि फार्म एंड नर्सरी,एआईएम इंफ्रा एंड डेवलपर्स,ओमसाई डेवलपर्स जैसे बिल्डस शामिल है।
इन अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डरों के खिलाफ भोपाल में 33 एफआईआर दर्ज कराई गई है और नगर निगम अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि अवैध कॉलोनी में प्लाट खरीदकर भवन बनाने वाले आम नागरिकों को राहत देने राज्य सरकार नगर पालिका अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। इसमें शुल्क लेकर इन कॉलोनियों में बने निर्माण कार्य को वैध किया जाएगा।