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बिटक्वाइन की कीमतों में जोरदार तेजी, सोने से ज्यादा रिटर्न

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नई दिल्ली
पिछले कुछ समय से बिटक्वाइन की कीमतों में जोरदार तेजी आई है। निवेशकों का आकर्षण बिटक्वाइन की ओर तेजी से बढ़ा है। बिटक्वाइन ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न भी दिया है। पिछले पांच सालों की बात करें, तो इस दौरान बिटक्वाइन ने करीब 9213 फीसदी रिटर्न दिया है। यानी अगर किसी निवेशक ने पांच साल पहले बिटक्वाइन में एक लाख रुपये का निवेश किया था, तो अब वे करीब 93 लाख रुपये बन चुके हैं। एक बिटक्वाइन की कीमत इस समय करीब 37,384.24 अमेरिकी डॉलर (27,32,133.72 रुपये) है।

देश के सबसे पुराने और सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाने वाले बिटक्वाइन और क्रिप्टो एसेट एक्सचेंज Zebpay के अनुसार, विश्वभर में मौजूद बिटक्वाइन में एक फीसदी से भी कम भारतीयों के पास है। पांच साल पहले, यानी सात जनवरी 2016 को एक बिटक्वाइन की कीमत 441.02 डॉलर (29.34 हजार रुपये, तत्कालीन डॉलर के भाव पर) थी। जबकि सात जनवरी 2020 तक यह बढ़कर 37,384.24 डॉलर (27.32 लाख रुपये) हो चुकी है।

एक माह पहले, सात दिसंबर 2020 को यह 19141.2 डॉलर (14.12 लाख रुपये) का था। यानी सिर्फ एक महीने में ही इसने निवेशकों को 934 फीसदी रिटर्न दिया है। वहीं बात अगर सोने की करें, तो सात दिसंबर को दिल्ली में 24 कैरट सोने का दाम 50,920 रुपये प्रति 10 ग्राम था, पर सात जनवरी को यह बढ़कर 53,540 रुपये हो चुका था, यानी एक महीने में सोने ने 5.15 फीसदी रिटर्न दिया।

साल 2020 में इसकी कीमत में 298 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। तुरंत मुनाफे के लिए बड़े निवेशक इसका रुख कर रहे हैं, जिसके चलते इसकी कीमत तेजी से बढ़ रही है। नवंबर माह में इसका भाव 18 हजार डॉलर के स्तर पर था।

दरअसल हाल ही में सोने की कीमत में गिरावट आई है, जिसके बाद निवेशकों की क्रिप्टोकरेंसी के प्रति दीवानगी बढ़ी है। अगस्त में सोना 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर था, लेकिन उसके बाद से इसमें करीब 6,000 रुपये की कमी आ चुकी है। अमेरिकी बैंक जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी के अनुसार मेनस्ट्रीम फाइनेंस में क्रिप्टोकरेंसी के उभार इसकी असली वजह है।

क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसे आप देख नहीं सकते। आसान शब्दों में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है।

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन किया था। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी, जिसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं, उससे ट्रेड को मंजूरी दे दी है। कोर्ट के इस आदेश के बाद वर्चुअल करेंसी जैसे बिटक्वाइन में कानूनी रूप से लेन-देन किया जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।

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