बिजली की डिमांड बढ़ी, विषम परिस्थिति में बिजली आपूर्ति जारी
रायपुर
बारिश नहीं होने के कारण कृषि पंप एवं औद्योगिक लोड में वृद्धि होने से जुलाई में छत्तीसगढ़ की कुल विद्युत मांग 4900 मेगावाट पहुंच गई, जिसे छत्तीसगढ़ राज्य के उत्पादन संयंत्र एवं सेंट्रल सेक्टर (केंद्रीय उपक्रम के छत्तीसगढ़ शेयर) से नियमित विद्युत सप्लाई से बिना किसी लोड शेडिंग के पूरा किया गया। अभी भी बिजली की इतनी ही मांग बनी हुई है।
विगत दिनों पॉवर कंपनी के कोरबा स्थित दो संयंत्र मेन्टेनेंस के लिए बंद रहे। इसी बीच सेंट्रल सेक्टर के उपक्रमों से विद्युत आपूर्ति लगभग 600 मेगावाट की कमी से तकनीकी चुनौती उत्पन्न हुई। दरअसल छत्तीसगढ़ को सेंट्रल सेक्टर के उपक्रमों से प्रदेश के शेयर की विद्युत आपूर्ति पॉवर ग्रिड के उपकेंद्रों के माध्यम से होती है। इसी तरह केंद्रीय उपक्रम एनएसपीसीएल के पॉवर ट्रांसफार्मर में ओवरलोडिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है, इस तकनीकी समस्या को हल करने हेतु पश्चिमी क्षेत्र भार प्रेषण केंद्र मुंबई (डब्ल्यूआरएलडीसी) के अधिकारियों से शुक्रवार को लगभग तीन घंटे छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। जिसमें केंद्रीय अधिकारियों व्दारा आश्वस्त किया गया कि इस समस्या का वे तत्काल तकनीकी उपाय ढूंढेंगे।
एनएसपीसीएल के उक्त पॉवर ट्रांसफार्मर के ओवरलोडिंग के परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ को लगभग 600 मेगावाट की बिजली कमी बनी रही। पॉवर कंपनी ने कोरबा स्थित अपने 210 मेगावाट के पॉवर प्लांट में शुक्रवार से बिजली उत्पादन प्रारंभ कर दिया, जिससे विद्युत आपूर्ति में सुधार आ गया है। गौरतलब है कि पूरे देश में बिजली की मांग अत्यधिक बढऩे के कारण अनेक राज्यों में विद्युत क्रय करने की आवश्यकता बढ़ गई है, जिसके कारण शाम के समय पीक अवधि के दौरान पॉवर एक्सचेंज में बिजली का रेट 18 से 20 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गया है।
सेंट्रल सेक्टर से छत्तीसगढ़ को शेयर की बिजली कम मिल रही
पीक आवर में सेंट्रल सेक्टर से छत्तीसगढ़ को मिलने वाली बिजली में लगभग 600 मेगावाट की कमी बनी हुई है। छत्तीसगढ़ पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी व्दारा उक्त 600 मेगावाट की कमी को पूरी करने के लिए पॉवर एक्सचेंज से पॉवर क्रय करने का प्रयास किया गया लेकिन पॉवर ग्रिड एवं एनएचपीसीएल के पॉवर ट्रांसफार्मर के ओवरलोडिंग के कारण वह खरीदी गई बिजली छत्तीसगढ़ को प्राप्त नहीं हो सकी। स्थिति पर सतत निगरानी रखते हुए यथासंभव प्रयास किये जा रहे हैं ताकि उपभोक्ताओं को सतत् विद्युत आपूर्ति होती रहे।