देश

बच्चों के लिए जायकोब-डी वैक्सीन सितम्बर महीने में आ जाएगी

Spread the love

नई दिल्ली

देश में कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर को लेकर चर्चा जोरों पर है। कई रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि अक्तूबर में संभावित तीसरी लहर अपने पीक पर हो सकती है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना के दैनिक मामलों में भी उतार-चढ़ाव जारी है। इन सभी नकारात्मक खबरों के बीच अच्छी खबर यह है कि देश के वैक्सीनेशन शस्त्रागार में इसी महीने एक और अस्त्र शामिल होने जा रहा है। खबरों के मुताबिक अहमदाबाद स्थित फार्मास्युटिकल प्रमुख कंपनी जायडस कैडिला द्वारा विकसित वैक्सीन जायकोब-डी के इसी महीने के अंत तक लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जाने की संभावना है। गौरतलब है कि अगस्त में  इस वैक्सीन को भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है।

भारत में अब तक दो स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को प्रयोग में लाया जा रहा है। यह देश की तीसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी। कई मामलों में इस वैक्सीन को खास बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के लिए खतरा अधिक बताया जा रहा है, ऐसे में यह वैक्सीन भारत की सबसे बड़ी चिंता को दूर कर सकती है। जायकोब-डी वैक्सीन को 12-18 साल तक के बच्चों में भी कारगर माना जा रहा है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि यह वैक्सीन और किस लिहाजे से भारत के लिए उपयोगी साबित हो सकती है?

बच्चों के टीकाकरण की चिंता हो सकती है दूर
तमाम रिपोर्टस में कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए काफी खतरनाक बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना कि चूंकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अब तक वैक्सीन नहीं लग सकी है, ऐसे में इस आयुवर्ग के लोगों के लिए संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। जायकोब-डी वैक्सीन, इस समस्या को दूर करने में काफी कारगर मानी जा रही है। कंपनी की ओर से दावा किया जा रहा है कि ट्रायल के दौरान इस वैक्सीन की प्रभाविकता 66.6 फीसदी से अधिक पाई गई है, बच्चों में भी इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।

कोरोना के सबसे घातक वैरिएंट्स के खिलाफ असरदार
दुनियाभर में जिस तरह से कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का कहर बरकरार है, इस दिशा में भी जायकोब-डी वैक्सीन को असरदार माना जा रहा है। वैक्सीन की निर्माता कंपनी जायडस कैडिला का दावा है कि यह वैक्सीन कोरोना के कई नए वैरिएंट्स से सुरक्षा दे सकती है। कंपनी ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में 28,000 से अधिक लोगों पर अध्ययन किया, इस आधार पर वैज्ञानिकों ने इसे डेल्टा जैसे कोरोना के घातक वैरिएंट्स के खिलाफ काफी असरदार बताया है।  

वैक्सीनेशन को मिलेगी रफ्तार
कोरोना से मुकाबले के लिए भारत ने अपना वैक्सीनेशन अभियान तेज कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक देश में अबतक 66.30 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जायकोब-डी के उपलब्ध होती है देश की वैक्सीनेशन रफ्तार में तेजी आने की उम्मीद है।

जायडस कैंडिला के प्रबंध निदेशक डॉ शरविल पटेल कहते हैं, हमारी योजना सितंबर तक वैक्सीन की 30-40 लाख खुराक की आपूर्ति करने की है। दिसंबर तक आपूर्ति को 3 करोड़ से 4 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य है। देश के टीकाकरण अभियान को तेज करने में यह वैक्सीन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

कई मामलों में खास है यह वैक्सीन
जायकोब-डी को दो कारणों से सबसे अलग और सबसे खास वैक्सीन मानी जा रहा है। यह डीएनए आधारित तकनीक सबसे खास बनाती है। जायकोब-डी एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है जो प्लास्मिड नामक डीएनए अणु के गैर-प्रतिकृति वर्जन का उपयोग करके तैयार की गई है। यह शरीर में सार्स-सीओवी-2 वायरस के मेंब्रेन पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन का एक हानिरहित वर्जन तैयार करने में मदद करेगी, जिससे भविष्य में संक्रमण के खिलाफ आसानी से सुरक्षा प्राप्त की जा सकेगी। इसके अलावा यह निडिल फ्री वैक्सीन है, यानी कि शरीर में इसे इंजेक्ट करने के लिए अन्य वैक्सीनों की तरह निडिल की जरूरत नहीं होगी। निडिल की बजाय जेट इंजेक्टर के माध्यम से इसके टीके दिए जाएंगे।

 

 

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close