पीएम मोदी को मार्कंडेय काटजू ने लिखा खत, तीनों किसान कानून वापस लो वरना एक और जलियांवाला बाग हो सकता है
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। काटजू ने ये पत्र दिल्ली के सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर लिखा है। पूर्व जज ने पीएम मोदी को आगाह किया है कि दिल्ली में हिंसा फैल सकती है इसलिए जल्दी से जल्दी तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाए। जस्टिस काटजू ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि किसानों की ओर से कोर्ट की कमेटी को ठुकराने के बाद सरकार को तुरंत कानून वापस लेना चाहिए और साथ ही हाई पावर किसान कमीशन का गठन करना चाहिए। मार्कंडेय काटजू ने लिखा, 'भारत में किसान आंदोलन और इससे जुड़ी समस्याएं एक गतिरोध पर पहुंच गई हैं। किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त 4 सदस्य समिति की सुनवाई में भाग लेने से इंकार कर दिया है और स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक उन 3 कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। इसके साथ ही कमेटी के सदस्यों ने भी खुद को कमेटी से अलग कर लिया।
जस्टिस काटजू ने आगे लिखा, 'भारी संख्या में किसान दिल्ली की सीमा पर जमे हुए हैं, लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश करने और अपने ट्रैक्टरों के साथ गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा अनुमति नहीं दी जाएगी और परिणामस्वरूप पुलिस व अर्धसैनिक बल लाठीचार्ज और गोलीबारी करेंगे। संभावित पुलिस कार्रवाई से एक और जलियांवाला बाग हो सकता है या सेंट पीटर्सबर्ग में खूनी रविवार (जनवरी 1905) या (अक्टूबर 1795) पेरिस में 13 वेंडेमीयर के समान नरसंहार हो सकता है। 22 जनवरी, 1905 को सेंट पीटर्सबर्ग में निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर ज़ार की सेना ने गोलीबारी करवा दी थी। इसमें मृत्यु का अनुमान लगभग 100 से 4,000 तक है। इतिहास के पन्नों में इस घटना को "खूनी रविवार" कहा जाता है। काटजू ने लिखा है कि पीएम मोदी को तीनों कानूनों को निरस्त करके अपनी गलती सुधारना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि हर इंसान गलती कर सकता है और अपनी गलती सुधारने से आपको सराहा जाएगा। इससे आपकी छवि और भी अच्छी हो जाएगी।